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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , गुरुवार, 24 फ़रवरी 2011 (20:56 IST)

रिलायंस-बीपी सौदे की मंजूरी निको, हार्डी पर टिकी

रिलायंस-बीपी सौदे की मंजूरी निको, हार्डी पर टिकी -
रिलायंस इंडस्ट्रीज-बीपी के बहुप्रचारित सौदे पर सरकार की मंजूरी निको रिसोर्सेज (कनाडा) तथा हार्डी ऑयल एंड गैस (ब्रिटेन) द्वारा इस बारे में अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दिए जाने पर निर्भर करता है।

उल्लेखनीय है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने तेल एवं गैस ब्लॉकों में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी बीपी को बेचने का सौदा किया है। कंपनी ने ये ब्लॉक 1999 के बाद नेल्प के विभिन्न चरणों में हासिल किए थे।

एक अधिकारी ने बताया कि नेल्प के तहत कंपनियों को हिस्सेदारी बेचने या भागीदारी के लिए समूह भागीदारों से एनओसी लेनी होती है। रिलायंस के तीन गैस ब्लॉक में निको की 10-15 प्रतिशत हिस्सेदारी है। हार्डी की कृष्णा गोदावरी घाटी के डी9 व डी3 ब्लॉक के 10-10 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

उन्होंने कहा कि इस हिस्सेदारी के साथ निको तथा हार्डी के पास पहले इनकार का अधिकर है। इसलिए रिलायंस को अपनी हिस्सेदारी बीपी को हस्तांरित करने के आवेदन के साथ अनेक दस्तावेज पेश करने होंगे जिनमें सहयोगियों से एनओसी भी है।

अधिकारियों ने कहा कि एनओसी के बिना सरकारी मंजूरी नहीं दी जा सकती। (भाषा)