महँगाई दर तेरह साल के उच्चतम स्तर पर
मुद्रास्फीति ने बुधवार को 12 फीसदी का मनोवैज्ञानिक स्तर पार कर लिया, जो पिछले तेरह साल का उच्चतम स्तर है।दाल, अंडे, मछली, माँस और मसालों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण मुद्रास्फीति की दरों में इजाफा हुआ। सरकारी आँकड़ों के मुताबिक 26 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 12.01 फीसदी हो गई, जो इसके पिछले सप्ताह दर्ज दर के मुकाबले सिर्फ 0.03 फीसदी अधिक है। आज जारी आँकड़ों के मुताबिक ज्यादातर खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई, जबकि फल जैसे कुछ खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी का रुख दर्ज हुआ, जिनकी कीमतों में 0.5 फीसदी की गिरावट हुई।मंत्रालय ने कहा कि पिछले सप्ताह के मुकाबले कुल 98 प्राथमिक उत्पादों में से 18 उत्पादों की कीमतों में गिरावट हुई थी। प्रतिबंध भी बेअसर : वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कांग्रेस के प्रवक्ताओं की बैठक में कहा था कि सरकार ने अन्य जिंसों के वायदा कारोबार को प्रतिबंध के दायरे में लाने का विकल्प खुला रखा है। गेहूँ और चावल समेत आठ कृषि उत्पादों के वायदा कारोबार पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है।इस बीच लोहा और इस्पात की कीमतें अपरिवर्तित रहीं, लेकिन सीमेंट में आंशिक तौर पर बढ़ोतरी हुई। पिछले साल की समीक्षाधीन अवधि में मुद्रास्फीति 4.70 फीसदी थी।