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Written By भाषा

बैंकों को एनपीए बढ़ने की आशंका

Banks fear of NPA increase | बैंकों को एनपीए बढ़ने की आशंका
देश के प्रमुख बैंकों ने आशंका जताई है कि वैश्विक वित्तीय मंदी के कारण इस वित्तवर्ष में उनकी गैर निष्पादित आस्तियाँ (एनपीए) बढ़ सकती हैं जबकि ऋण वृद्धि में कमी आएगी।

इंडियन बैंक एसोसिएशन के अध्यक्ष टीएस नारायणसामी ने बैंक अधिकारियों की भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव के साथ बैठक के बाद बुधवार को संवाददाताओं को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि अगर मंदी और गहराती है तो इसका असर आस्तियों की गुणवत्ता पर पड़ सकता है। बैंकों को इस साल ऋण वृद्धि दर कम रहने का अनुमान है।

बैंकों ने भारतीय रिजर्व बैंक को सूचित किया कि खुदरा तथा बड़ी जमा दरों में कमी नहीं होने तक उनके लिए उधारी दरों में कमी करना मुश्किल होगा।

बैंक ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नारायणसामी ने कहा कि जमाओं की लागत अब भी ऊँची है। पहले इसे घटाना होगा। इसके बाद ही उधारी दरों में नरमी होगी।

नारायसामी ने कहा कि सार्वजनिक बैंक 2-3 सप्ताह में जमा दरों में 0.5-0.75 प्रतिशत अंक की कमी पर विचार कर सकते हैं। इससे उधारी दरों में 0.5 प्रतिशत की कमी आएगी।

उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा मुख्य दरों में कटौती से बैंकों के पास अब पर्याप्त नकदी है। सरकारी उधारी पर नारायणसामी ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक सरकार के उधारी कार्यक्रम को बेहतर सक्षम तरीके से चला रहा है।

उल्लेखनीय है कि वैश्विक मौद्रिक नीति से पहले रिजर्व बैंक ने यह बैठक आयोजित की थी।