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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 30 मार्च 2011 (20:04 IST)

बैंक क्रेडिट कार्ड का दुरुपयोग रोकें

बैंक क्रेडिट कार्ड का दुरुपयोग रोकें -
क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जालसाजी और उसके दुरुपयोग को रोकने के लिए बैंकों को कार्ड से होने वाले लेनदेन की जानकारी तुरंत ऑनलाइन अपने ग्राहकों को उपलब्ध करानी होगी। इससे ग्राहक सतर्क हो जाएगा और दुरुपयोग होने की स्थिति में तुरंत कार्रवाई हो सकेगी।

रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा है कि वह 30 जून 2011 तक इस तरह की व्यवस्था कर लें। केन्द्रीय बैंक का मानना है कि बैंकों द्वारा इस तरह की व्यवस्था करने से ग्राहकों के बीच क्रेडिट और डेबिट कार्ड का इस्तेमाल बढ़ेगा। विभिन्न डिलीवरी चैनलों पर कार्डधारक ग्राहक इसका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

केन्द्रीय बैंक ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यक बैंकों, संघीय सहकारी बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों और जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों को भेजे आदेश में उन्हें 30 जून 2011 तक कार्डधारकों के कार्ड इस्तेमाल करने पर ट्रांजेक्शन चाहे वह कितनी भी राशि का हो, की तुरंत ऑनलाइन जानकारी देने की व्यवस्था करने को कहा है।

रिजर्व बैंक ने अपने 18 फरवरी 2009 को जारी सकरुलर का हवाला देते हुए कहा है कि उसमें बैंकों को 5000 रुपए अथवा इससे अधिक के लेनदेन के बारे में कार्डधारक को सतर्क करने के लिए कहा गया था। केन्द्रीय बैंक ने कहा कि इससे कई बार कार्ड के दुरुपयोग का पता करने में मदद मिली है। ग्राहकों ने इसका स्वागत किया, क्योंकि इस व्यवस्था से उन्हें जालसाजी और दुरुपयोग के खिलाफ तुरंत कारवाई करने में काफी मदद मिली।

रिजर्व बैंक ने कहा है कि हाल में एटीएम के जरिए अनाधिकृत और जाली लेनदेन की शिकायतें बढ़ी हैं। क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल को बेहतर और सुनियोजित बनाने के लिए जरूरी है कि इसके दुरुपयोग को रोका जाना चाहिए। ऐसे में बैंकों को किसी भी तरह के कार्ड के जरिए होने वाले हर तरह के लेनदेन चाहे वह कितनी भी राशि का हो उसकी जानकारी तुरंत ऑनलाइन ग्राहक को उपलब्ध कराई जानी चाहिए। बैंकों को इसकी व्यवस्था करनी चाहिए। (भाषा)