Last Modified: नई दिल्ली ,
मंगलवार, 15 फ़रवरी 2011 (17:41 IST)
ईपीएफओ ने निवेश को हरी झंडी दी
भविष्य निधि कोष के प्रबंधकों के न्यासी बोर्ड ने मंगलवार को आवास ऋण घोटाले में फँसे एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस में कोष के धन के निवेश को हरी झंडी दे दी। एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम की सहयोगी इकाई है।
इस कंपनी में निवेश का निर्णय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की शीर्ष नीति निर्धारण संस्था केन्द्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने किया है। सीबीटी ने इससे पहले एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस में भविष्य निधि कोष का धन निवेश करने पर रोक लगा दी थी। आवास ऋण मामले में रिश्वत कांड के चलते कंपनी में निवेश पर रोक लगाई गई थी। घोटाले में कंपनी के कुछ शीर्ष अधिकारियों की संलिप्तता के बाद यह निर्णय लिया गया था।
अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के सचिव और न्यासी बोर्ड के सदस्य डी.एल. सचदेव ने बैठक के बाद बताया कि एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस में निवेश की गई राशि बहुत ज्यादा नहीं है। इसमें 800 करोड़ रुपए की राशि निवेश करने को मंजूरी दी गई है।
ईपीएफओ ने एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के बॉंडपत्रों में 454 करोड़ रुपए का निवेश किया है। बहरहाल, ईपीएफओ के निवेश के मौजूदा निवेश नियमों के अनुसार कंपनी में 846 करोड़ रुपए तक का निवेश किया जा सकता है। ईपीएफओ की सलाहकार संस्था ‘दि फाइनेंस एण्ड इन्वेस्टमेंट कमेटी’ ने 28 जनवरी की ट्रस्टी बोर्ड की बैठक में एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस में निवेश शुरू करने की सिफारिश की थी। (भाषा)