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Written By भाषा
Last Modified: हैदराबाद , बुधवार, 9 फ़रवरी 2011 (20:31 IST)

इस्लामिक बैंकिंग का बढ़ता चलन

Islaminka Bank | इस्लामिक बैंकिंग का बढ़ता चलन
आर्थिक मंदी के बाद दुनिया में इस्लामिक बैंकिंग का चलन बढ़ने लगा है और भारत सहित कई देश इसके लिए अपने दरवाजे खोल रहे हैं। एक अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक बैंकिंग विशेषज्ञ ने यहाँ यह बात कही।

इस्लामिक बैंकिंग के विशेषज्ञ माजलान हुसैन ने यहाँ 17वें राष्ट्रमंडल विधि सम्मेलन में कहा कि ‘इस्लामिक बैंकिंग का मौजूदा कारोबार 1200 अरब डॉलर तक है। परंपरागत बैंकिंग के मुकाबले यह बहुत छोटी रकम है। परंपरागत बैंकिंग का कारोबार इस समय 243000 अरब डॉलर तक है। लेकिन यह भी मानना होगा कि 1000 अरब डॉलर का यह कारोबार पिछले 40 साल में हासिल हुआ है। यह सामान्य बैंकिंग के मुकाबले 15 से 20 प्रतिशत की ज्यादा तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि दुनियाभर में 75 देशों ने इस्लामिक बैंकिंग को मान्यता दी है और इसके लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। मलेशिया में समूची बैंकिंग में 22 प्रतिशत हिस्सा इस्लामिक बैंकिंग का है और यह इसका प्रमुख केन्द्र बनकर उभरा है। कुवैत, बहरीन और सउदी अरब में यह 20 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रही है।

गौरतलब है कि भारत में हाल ही में केरल हाई कोर्ट ने राज्य में पहला इस्लामी बैंक खोले जाने की अनुमति दे दी है। इस्लामी बैंक को केरल स्टेट इंडस्ट्रीयल डेवेलपमेंट कॉरपोरेशन (केएसआईडीसी) की मदद से खोला जाना है। इस्लामी बैंकिंग में शरीया का पालन किया जाता है और कर्ज दिए जाते समय ब्याज नहीं लिया जाता। मुस्लिम देशों के अलावा ब्रिटेन में भी इस्लामी बैंक सफलतापूर्वक चल रहा है।(भाषा)