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Written By भाषा
Last Modified: मुंबई , सोमवार, 15 जुलाई 2013 (18:13 IST)

नियमों के उल्लंघन पर 22 बैंकों पर जुर्माना

नियमों के उल्लंघन पर 22 बैंकों पर जुर्माना -
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मुंबई। रिजर्व बैंक ने अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) और मनीलांड्रिंगरोधी नियमों के उल्लंघन मामले में सोमवार को स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और येस बैंक सहित सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के 22 बैंकों पर 49.5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा दिया

रिजर्व बैंक ने इसके साथ ही सिटी बैंक और स्टेनचार्ट सहित 7 बैंकों को सावधानी बरतने के पत्र भी भेजे हैं। रिजर्व बैंक की यह कारवाई एक ऑनलाइन पोर्टल में नियमों के उल्लंघन का खुलासा सामने आने के बाद की गई।

केन्द्रीय बैंक ने सोमवार को जारी एक वक्तव्य में कहा कि प्रत्येक मामले में तथ्यों पर विचार के बाद रिजर्व बैंक इस नतीजे पर पहुंचा है कि नियमों के कुछ उल्लंघन सही साबित हुए हैं और इनमें मौद्रिक जुर्माना लगाया जाना उचित होगा।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक और फेडरल बैंक प्रत्येक पर 3 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है।

कुछ अन्य बैंकों यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, लक्ष्मी विलास बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक और आंध्र बैंक प्रत्येक पर ढाई करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया।

इसके अलावा येस बैंक, विजय बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और धनलक्ष्मी बैंक प्रत्येक पर नियमों का उल्लंघन करने पर 2 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया। अन्य बैंक जिन्हें रिजर्व बैंक ने दंडित किया है उनमें ड्यूश बैंक, डेवलपमेंट क्रेडिट बैंक, आईएनजी वैश्य बैंक, कोटक महिन्द्रा बैंक और रत्नाकर बैंक को भी दंडित किया गया।

रिजर्व बैंक ने सिटी बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, बार्कलेज बैंक, बीएनपी पारिबा, रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड, बैंक ऑफ टोकियो मित्सुबिशी और स्टेट बैंक ऑफ पटियाला को चेतावनी पत्र भी भेजे हैं।

ऑनलाइन पोर्टल कोबरा पोस्ट द्वारा लगाए गए आरोप के बाद आरबीआई ने इससे पहले 3 प्रमुख निजी बैंकों ऐक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक पर 10.5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था।

आरबीआई ने कहा है कि इस जांच में पहली नजर में मनीलांड्रिंग से जुड़े कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं, लेकिन आरबीआई ने यह भी कहा है कि इस संबंध में कोई निर्णयात्मक निष्कर्ष तभी निकल सकता है जबकि कर और प्रवर्तन एजेंसियां इन मामलों में लेन-देन की एक छोर से दूसरे छोर तक पूरी तहकीकात न कर लें। (भाषा)