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Written By भाषा

ईपीएफओ सस्पेंस खाते से ‘असमंजस’ दूर करेगा

ईपीएफओ सस्पेंस खाते से ‘असमंजस’ दूर करेगा -
भविष्य निधि कोष को चलाने वाले भविष्य निधि कोष संगठन (ईपीएफओ) ने तय किया है कि वह अपने ब्याज सस्पेंस खाते से संदेह अथवा असमंजस दूर करेगा और ‘इंटरेस्ट सस्पेंस एकाउंट’ के स्थान पर उसका नाम ‘इंटरेस्ट एकाउंट’ रखेगा।

ईपीएफओ के एक अधिकारी ने कहा कि हमने यह तय किया है कि अपने खाते के नाम से ‘सस्पेंस’ शब्द को हटा दिया जाये ताकि इसको लेकर बनी असंमजस को दूर किया जा सके और इसमें स्पष्टता लाई जा सके। इसके लिए जब्द ही कानूनी संशोधन भी कर लिया जाएगा।

ईपीएफओ के इस खाते को लेकर पिछले साल से चर्चा चल रही है। वित्त मंत्रालय ने संगठन के इस दावे को चुनौती दी थी कि उसके इंटरेस्ट सस्पेंस एकाउंट में 1731 करोड़ रुपए का अधिशेष है। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में इसका खुलासा करते हुए कहा गया था कि ग्राहकों के खातों में पूरा ब्याज स्थानांतरित नहीं किये जाने की वजह से यह राशि बची है।

ईपीएफओ की शीर्ष संचालन संस्था न्यासी बोर्ड ने ब्याज खाते में 1731 करोड़ रुपए की अधिशेष राशि को देखते हुए वर्ष 2010-11 के लिए खाताधारकों को 9.5 प्रतिशत की दर से ब्याज देने का फैसला किया। छह महीने तक इस मुद्दे को लेकर वित्त और श्रम मंत्रालय एक दूसरे से भिड़े रहे कि वास्तव में ईपीएफओ के खाते में अधिशेष है अथवा नहीं।

वित्त मंत्रालय ने बाद में 17 मार्च को वर्ष 2010.11 के लिए 9.5 प्रतिशत ब्याज अदायगी के ईपीएफओ के फैसले को मंजूरी दे दी। ईपीएफओ के पौने पाँच करोड़ से अधिक खाताधारकों को इसका फायदा मिलेगा। वित्त मंत्रालय ने इसके साथ ही यह शर्त भी जोड़ दी थी कि 9.5 प्रतिशत ब्याज देते समय यदि किसी तरह की कमी आती है तो ईपीएफओ वर्ष 2011.12 की ब्याज दर में घटबढ़ कर इसका सामंजस्य बिठाएगा।

मंत्रालय ने ईपीएफओ से यह भी कहा कि वह छह महीने के भीतर अपने सभी खाताधारकों के खाते में पूरा ब्याज दिखाए। (भाषा)