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Written By WD
Last Modified: मंगलवार, 8 मई 2012 (13:40 IST)

पुणे विश्वविद्यालय- एक परिचय

वेबदुनिया डेस्क

पुणे विश्वविद्यालय- एक परिचय -
'विश्वविद्यालय के मायने मानवता और सहिष्णुता, विचारों के करिश्मे तथा सत्य की खोज है। उन्हें मानवीय जाति को उच्च लक्ष्यों की तरफ प्रवृत्त करने के लिए स्थापित किया गया है। यदि विश्वविद्यालय यथेष्ट रूप से अपने कर्तव्यों का निष्पादन करें तो इससे देश और देश के लोगों का भला होगा।' - जवाहरलाल नेहरू

पंडित जवाहरलाल नेहरू के ये शब्द पुणे विश्वविद्यालय के दिशा-निर्देशों और सिद्धांतों पर शब्दशः लागू होते हैं। 1948 में स्थापित पुणे विश्वविद्यालय अब देश का एक प्रमुख अनुसंधान एवं शिक्षण केंद्र बन गया है। 400 एकड़ में फैला इसका विशाल परिसर पुणे शहर के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है। इसका खुशनुमा वातावरण और आधुनिकतम सुविधाएँ असंख्य छात्रों को विज्ञान, कला, वाणिज्य और भाषा विषय में अनुसंधान करने के लिए आदर्श माहौल प्रदान करता है। विश्वविद्यालय के अंतर्गत 40 विभाग संचालित किए जाते हैं जो शैक्षिक कार्यक्रमों की विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते हैं।

इसे बॉम्बे विधानसभा द्वारा 10 फरवरी 1948 में पारित पूना विश्वविद्यालय अधिनियम के अंतर्गत स्थापित किया गया है तथा इसी वर्ष डॉ. एमआर जयकर ने प्रथम उपकुलपति के रूप में विश्वविद्यालय में पदभार ग्रहण किया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री श्री बीजी खेर ने विश्वविद्यालय के लिए एक सुंदर परिसर स्थापित करने में गहन रुचि ली थी, जिसके परिणामस्वरूप 1950 में उसके लिए 411 एकड़ भूमि आवंटित की गई थी। शुरुआत में इसका क्षेत्राधिकार पश्चिमी महाराष्ट्र के 12 जिलों में विस्तारित था।

तथापि, 1964 में शिवाजी विश्वविद्यालय,कोल्हापुर में स्थापित हो जाने से इसका क्षेत्राधिकार पुणे, अहमदनगर, नासिक, धुले और जलगाँव जिलों तक ही सीमित रह गया। इनमें से दो जिले धुले और जलगाँव बाद में अगस्त 1990 में स्थापित नार्थ महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी से जुड़ गए।

1949 के दौरान विश्वविद्यालय से मात्र 18 कॉलेज ही संबद्ध थे, जिसमें 8000 छात्र पंजीबद्ध थे। उसके बाद कॉलेजों की संख्या लगातार बढ़ती रही और 1994-95 में विश्वविद्यालय में 41 पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट, 2009 संबद्ध कॉलेज तथा 118 मान्यता प्राप्त अनुसंधान संस्थान थे, जहाँ 1,70,000 छात्रों ने अपना पंजीयन कराया था।

विश्वविद्यालय द्वारा 70 अनुसंधान संस्थानों को अनुसंधान के लिए मान्यता प्रदान की गई है। इनमें राष्ट्रीय महत्व के संस्थान नेशनल केमिकल लेबोरेटरी (एनसीएल), एमएसीएस, सीडब्ल्यू पीआरएस, एनआईवी, गोखले इंस्टीट्यूट ऑव पोलिटिक्स एंड इकानॉमिक्स, उकेन कॉलेज शामिल हैं।