एक दिन एक अधिकारी दफ्तर से जब घर आया खूंटे पर गाय को न देख बहुत घबराया अरे यह तो हद हो गई, मेरी गाय चोरी हो गई झट मोबाइल निकाला थाने का फोन मिलाया गाय की हुलिया बताया एफ आई आर दर्ज कराई चोरी की रपट लिखाई दुखी मन से घर के अंदर आया बीवी को सहेलियों में हंसता पाया उसे गुस्सा आ गया चेहरा लाल हो गया सहेलयां भांप गईं पर्स उटा कर खिसक गईं साहब पहले गरजे फिर पैर पटक कर बरसे तुम्हारी लापरवाही क्या कर गई मेरी गाय चोरी हो गई इस पर बीबी बोली क्यों करते हो ठिठोली तुम बैठो मैं अभी आती हूं तुम्हारे लिए चाय लाती हूं घबराने की कोई बात नहीं चोरी की कोई वारदात नहीं बाहर धूप आ गई थी गाय परेशान हो रही थी रामू ने उसे खोलकर पीछे ले जाकर बांध दिया अब तो आपका गुस्सा कम हुआ साहब को तसल्ली हुई तबियत खिस्यानी बिल्ली हुई इधर चाय मेज़ पर सजी उधर फोन की घंटी बजी साहब बोले कौन है भाई? दूसरी तरफ से आवाज आई हुजूर मैं हूं आपका खिदमतगार यानी गाजीपुर का थानेदार हुजूर बढ़िया काम हो गया है चोर तो पकड़ा गया है अब थोड़ी कोशिश और की जाएगी तो आपकी गुमशुदा गाय भी बरामद हो जाएगी।