गूगल ने भड़काई मिस्र क्रांति ??
रूस का कहना है कि मिस्र की जनक्रांति और मुबारक शासन के खात्मे के पीछे दुनिया के सबसे बड़े इंटरनेट संर्च इंजिन गूगल का हाथ है। एक अमेरिकी अखबार को दिए गए इंटरव्यू में रूस के उप प्रधानमंत्री ने दावा किया कि गूगल के प्रबंधन ने मिस्र की जनक्रांति को भड़काने में खासा योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि हम सभी को इस बात की गहराई से पड़ताल करने की जरूरत है कि किस तरह से गूगल के लोगों की चालाकी से वहाँ जनांदोलन भड़का। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मिस्र और रूस की इस मामले में तुलना नहीं की जा सकती क्योंकि यहाँ राजनीतिक स्थायित्व बरकरार है।उन्होंने गूगल के 30 वर्षीय मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव वॉइल गोनिम का संदर्भ देते हुए बताया कि गोनिम ने होस्नी मुबारक को गद्दी से हटाए जाने के काफी दिनों पहले एक टीवी इंटरव्यू के दौरान अपनी नजरबंदी के 12 दिनों की दास्तान को कुछ इस तरह से प्रदर्शनकारियों के सामने रोते हुए सुनाया कि वे भड़क गए। गोनिम प्रदर्शनकारियों को उकसाने वाली एक युवा आवाज की तरह थे। जिन्होंने फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए लाखों लोगों को मुबारक शासन के विरुद्ध सड़को पर उतरने के लिए प्रेरित किया। और आखिरकार 11 फरवरी के दिन 82 साल के इस बूढ़े तानाशाह ने जनता के सामने घुटने टेक दिए।