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Written By भाषा

कंपनी चली अपनी राह

राजू को सुनवाई का इंतजार

कंपनी चली अपनी राह -
नई दिल्ली, सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज में घोटाले के बारे में कंपनी के संस्थापक अध्यक्ष बी रामलिंगा राजू की विस्फोटक स्वीकारोक्ति को कल साल भर पूरा होने वाला है और इस बीच यह सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी देश के इस सबसे बड़े कॉर्पोरेट घोटाले के दलदल से निकलने में कामयाब रही है।

भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के नायक से घोटालेबाज खलनायक तक का सफर तय करने वाले राजू फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और अदलात में सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं।

पिछले साल अप्रैल में टेक महिंद्रा द्वारा सत्यम के अधिग्रहण के बाद बनी महिंद्रा सत्यम के मुख्य कार्याधिकारी सी पी गुरनानी ने कहा ‘लोगों ने सत्यम को राजू से अलग करना शुरू कर दिया है, उन्हें भरोसा होने लगा कि सिर्फ कंपनी के प्रवर्तक दागी हैं पूरी कंपनी नहीं।’ सात जनवरी 2009 को राजू ने बाजार नियामक सेबी को चिट्ठी लिखी कि उन्होंने कई साल तक आय और मुनाफा बढ़ा.चढ़ाकर दिखाया है और काल्पनिक परिसंपत्ति बनाई है।

राजू ने इस घोटाले का विवरण जैसे दिया था वह बहुत चर्चित हुआ था। उन्होंने कहा था कि यह पूरी प्रक्रिया शेयर की सवारी करने जैसी थी जिसमें यह पता नहीं था कि कैसे उतरा जाए ताकि शेर खा न सके। दो दिन बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

एक साल बाद गुरनानी सत्यम के अधिग्रहण के निर्णय से खुश हैं। टेक महिंद्रा को बेचे जाने से पहले सत्यम के सरकार द्वारा नियुक्त निदेशक मंडल के अध्यक्ष रहे किरण कार्णिक ने कहा ‘सत्यम अब सुरक्षित हाथों में है और मैं उन्हें सिर्फ शुभकामनाएँ दे सकता हूँ। अब लक्ष्य है पांच बड़ी कंपनियों की जमात में शामिल होना।’ सत्यम की बिक्री के आठ महीने बाद सत्यम में भारी बदलाव हुए हैं और यह सब अच्छे के लिए हुआ है।

पिछले एक साल के घटनाक्रम को याद करते हुए कार्णिक ने कहा कि मुख्य चुनौती रोजगार मुहैया कराना क्योंकि हजारों युवाओं का भविष्य दांव पर लगा था। सत्यम ने उस वक्त दावा किया था कि उसके पास 56, 000 से ज्यादा कर्मचारी हैं हालांकि संख्या पर अभी विवाद बरकरार है।

कर्मचारियों को संख्या कम की गई है। पिछले जनवरी में यह 50,000 थी जो फिलहाल 30,000 है। अप्रैल से अब तक 40 नए ग्राहक जोड़े गए हैं जिससे कुल ग्राहकों की संख्या बढ़कर 400 हो गई है। प्रबंधन के मामले में बदलाव हुए हैं।

गुरनानी ने कहा ‘हमने ब्रांडिंग, कामकाज, वित्त, कानूनी, विकास, अनुसंधन एवं विकास आदि क्षेत्रों से जुड़े 12 कार्य दलों का गठन किया है।’ राजू के अलावा सत्यम संस्थापक के भाई रामा राजू, कंपनी के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी वाडलामणि श्रीनिवास और आडिटर प्राईसवाटरहाउस के दो भागीदार भी जेल में हैं। (भाषा)