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Written By WD

हमलों में अल कायदा की छाप

हमलों में अल कायदा की छाप -
-वेबदुनिया डेस्क
अमेरिका के आतंकवाद रोधी विशेषज्ञ ब्रूस रीडेल का कहना है कि मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों पर अल कायदा की छाप दिखाई दे रही है। हालाँकि उन्होंने इस बात का संकेत भी दिया कि हमले पाकिस्तान से जुड़े कुख्यात आतंकवादी संगठनों द्वारा भी अंजाम दिए गए हो सकते हैं।

अमेरिका ने मुंबई में हुए आतंकवादी हमले से जूझ रहे भारत की मदद करने की पहल की है। अमेरिका की जाँच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टीगेशन (एफबीआई) के जाँचकर्ताओं और फॉरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम मुंबई भेजी जा रही है। बताया जा रहा है कि उसके आतंकवाद निरोधी विभाग के अधिकारी इस शहर में हुए हमले से स्तब्ध हैं।

रूस के खुफिया विभाग के एक आला अफसर ने कहा है कि मुंबई में बुधवार रात हुए आतंकवादी हमलों में आतंकवादी संगठन अल कायदा का हाथ हो सकता है।

एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि एफबीआई की टीम भारतीय खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों की हमलों की योजना से जुड़े सबूतों को इकट्ठा करने में मदद करेगा। एबीसी के मुताबिक अमेरिकी अधिकारियों का अनुमान है कि आतंकियों की इस पूरी कार्रवाई में महज एक लाख से दो लाख अमेरिकी डॉलर की राशि का इस्तेमाल किया गया होगा। इस राशि में मशीन गनें, ग्रेनेड, विस्फोटक और नावें खरीदी गई होंगी।

टेलीविजन नेटवर्क के मुताबिक दुनिया भर की खुफिया एजेंसियाँ इस ताजा हमले के स्रोत को पहचाने की कोशिश कर रही हैं। अफसरों ने कहा कि आतंकवादियों द्वारा हमला करने वाली जगहों पर स्थापित किए गए नियंत्रण केंद्रों से वे हर जगह से संपर्क में रहे होंगे। मुंबई में उच्च प्रतिष्ठित ठिकानों पर हमले अलकायदा के तरीकों की तरह दिखाई देते हैं।

समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती ने सूत्र के हवाले से कहा कि रूस की खुफिया सेवा के पास ऐसी जानकारी है जिससे अंदाजा लगता है कि मुंबई हमले में शामिल आतंकवादियों का अल कायदा से संबंध है। सूत्र ने कहा कि लश्कर-ए-तोइबा एक ऐसा संगठन है, जिसके आतंकवादियों को अल कायदा के शिविरों में प्रशिक्षण दिया जाता है। हालाँकि लश्कर ने हमलों में शामिल होने से इनकार किया है। मुंबई में बुधवार रात हुए कई आतंकवादी हमलों में करीब 150 लोग मारे गए और 300 से ज्यादा घायल हो गए।

दिल दहलाने वाले इन हमलों को अमेरिकी मीडिया में भी व्यापक कवरेज मिली है। सीआईए के पूर्व अफसर और व्हाइट हाउस नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में दक्षिणी एवं मध्य एशिया के पूर्व सीनियर डायरेक्टर ब्रूस रीडेल के मुताबिक मुंबई हमलों पर पाकिस्तान स्थित अल कायदा और उससे जुड़े लश्कर-ए-तोइबा की छाप दिख रही है। इनके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से रिश्ते हैं।

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रमुख सलाहकार रीडेल ने कहा कि भारत पिछले कई सालों से आतंकवाद के निशाने पर रहा है। खासकर मुंबई को निशाना बनाया जाता रहा है। ज्यादातर हमलों को इस्लामी कट्टरपंथी गुटों लश्कर ने अंजाम दिया है।