शुक्रवार, 29 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. »
  3. समाचार
  4. »
  5. अंतरराष्ट्रीय
Written By भाषा

सलोने चाँद के धब्बे अब नहीं रहेंगे राजदार

सलोने चाँद के धब्बे अब नहीं रहेंगे राजदार -
खगोलविदों ने चंद्रमा का एक नया स्थलाकृति वाला नक्शा तैयार किया है। उनका दावा है कि यह नक्शा पृथ्वी के एकमात्र उपग्रह के स्याह और विशाल गड्ढों (क्रेटरा) के बारे में नए आँकडे़ दे सकता है।

कैलिफोर्निया के पासाडेना स्थित नासा की जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी के एक दल ने यह नक्शा तैयार किया है। इसके लिए आँकड़े मोजावी रेगिस्तान में स्थित डीप स्पेस नेटवर्क्स गोल्डस्टोन सोलर सिस्टम रडार का इस्तेमाल कर जुटाए गए थे।

खगोलविदों का कहना है कि नक्शे से लूनर केटर आब्जर्वेशन एंड सेन्सिंग सैटेलाइट (एलसीआरओएसएस) मिशन के योजनाकारों को बहुत मदद मिलेगी। इन योजनाकारों का लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी धुव के समीप मौजूद एक स्याह तथा स्थायी गड्ढे का अध्ययन करना है।

दल का नेतृत्व कर रही बारबरा विल्सन ने बताया कि शुरू में चंद्रमा के गड्ढे दिखाई नहीं देते थे। अब हम इन गड्ढों के अंदर करीब 40 मीटर की गहराई की विस्तृत स्थलाकृति का अध्ययन कर सकते हैं।

खगोलविदों ने गोल्डस्टोन की 230 फीट वाली रडार डिश का इस्तेमाल कर चंद्रमा के दक्षिण धुवीय क्षेत्र का अध्ययन करने का लक्ष्य रखा है।

नासा के अनुसार यह एंटीना फुटबॉल के मैदान के एक चौथाई हिस्से के बराबर है। यह 500 किलोवाट की 90 मिनट तक चलने वाली रडार स्ट्रीम चंद्रमा पर 373046 किलोमीटर तक भेज सकता है।

इससे मिलने वाले संकेत चंद्रमा की पथरीली सतह से पुन: परावर्तित होते हैं और पृथ्वी पर लगे गोल्डस्टोन के 34 मीटर लंबे दो एंटीना इन्हें ग्रहण कर लेते हैं। संकेतों के एंटीना से चंद्रमा तक जाने और फिर वापस आने में करीब ढाई सेकंड लगते हैं।

वैज्ञानिकों ने इन आँकड़ों की तुलना हाल ही में जापान के एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेन्सी के कैगुया मिशन द्वारा जारी किए गए लेजर आँकड़ों से की। इस तुलना का उद्देश्य रडार की मदद से मिले चित्रों और नक्शों का अध्ययन करना था। नया नक्शा करीब 500 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र के आँकड़े मुहैया करा सकता है।