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Written By वार्ता
Last Modified: जेनेवा (वार्ता) , बुधवार, 8 अगस्त 2007 (20:58 IST)

मौसम में बदलाव से रिकॉर्ड तोड़ बारिश

मौसम में बदलाव से रिकॉर्ड तोड़ बारिश -
वर्ष 2007 के शुरुआती महीनों में मौसम के तीव्र उतार-चढ़ाव के कारण पूरी दुनिया में रिकॉर्ड तोड़ बारिश, बाढ़, लू और हिमपात का प्रकोप देखने को मिला। मौसम के इस बदलते मिजाज के कारण एशिया में भयंकर बाढ़, यूरोप में जबरदस्त लू और दक्षिण अफ्रीका में हिमपात हुआ।

संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत कार्यरत विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने मंगलवार को कहा कि इस वर्ष जनवरी से अप्रैल तक विश्वभर में पृथ्वी का तापमान वर्ष 1880 के रिकॉर्ड तापमान से भी ज्यादा था। इन महीनों में तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा।

इस दौरान पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र में भयंकर बाढ़ का प्रकोप देखने को मिला, उत्तरी यूरोप, चीन, सूडान, मोजांबिक और उरूग्वे में असामान्य तौर पर भारी बारिश हुई। दक्षिणपूर्व यूरोप और रूस में अचंभित करने वाला लू का प्रकोप रहा और दक्षिण अफ्रीका तथा दक्षिण अमेरिका में भारी हिमपात देखने को मिला।

डब्ल्यूएमओ के विशेषज्ञ उमर बद्दूर ने गुयाना में पत्रकारों को बताया कि वर्ष 2007 की शुरूआत को तीव्र मौसम परिवर्तन के लिए जाना जाएगा।

हालाँकि अधिकतर वैज्ञानिकों का मानना है कि वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है और इस कारण पूरी दुनिया में मौसम में बदलाव का दौर जारी रहेगा तथा तापमान में बढ़ोतरी होगी।