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Written By भाषा

मुशर्रफ-बेनजीर समझौता टूटा

मुशर्रफ-बेनजीर समझौता टूटा -
पाक राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बीच सत्ता बँटवारे का बहुप्रचारित समझौता तब ढेर हो गया, जब बेनजीर किसी प्रधानमंत्री को तीसरी बार पद पर कायम रहने देने की माँग पर अड़ गईं।

'डान' ने मुशर्रफ के करीबी रेलमंत्री शेख रशीद अहमद के हवाले से शनिवार को कहा कि मामला खत्म है। राष्ट्रपति ने इनकार कर दिया है। अगर आप बार-बार कह रहे हैं, तो इसके बचने की बहुत कम संभावना है, एक या दो प्रतिशत।

उन्होंने कहा हो सकता है आखिरी क्षण में समझौते को बचाने की कोई कोशिश की जाए, लेकिन निजी तौर पर मुझे इसकी कोई उम्मीद नजर नहीं आती। इसका कारण बेनजीर भुट्टो का प्रधानमंत्रियों को तीसरा कार्यकाल देने पर अड़ना है।

मुशर्रफ और बेनजीर के बीच होने वाले समझौते का एक अहम हिस्सा यह था कि किसी निर्वाचित नेता को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने की इजाजत हो।

मुशर्रफ ने 2002 में कानून बनाया था कि कोई व्यक्ति तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता। बेनजीर और नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री बनने से रोकने के लिए यह प्रावधान लाया गया था। अहमद ने कहा कि समझौते के आखिरी क्षण में स्थिति एकदम से बदल गई।

उन्होंने कहा कि समय तेजी से बीत रहा है। किसी भी चीज पर 14 सितंबर के पहले फैसला हो जाना चाहिए, क्योंकि उसके बाद राष्ट्रपति चुनाव का कार्यक्रम किसी भी समय जारी हो सकता है।

मुशर्रफ का इरादा 15 सितंबर से 15 अक्टूबर के बीच मौजूदा असेम्बलियों द्वारा फिर से राष्ट्रपति निर्वाचित होने का है। मंत्री ने कहा कि समझौता अंतिम क्षणों तक कामयाब नहीं हो पाने पर सरकार संसद को भंग कर आपातकाल लागू करने पर विचार कर सकती है।