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Written By WD

मंदी से प्रजनन क्षमता भी प्रभावित

मंदी से प्रजनन क्षमता भी प्रभावित -
-वेबदुनिया डेस्
सोमवार को एक ब्रिटिश डॉक्टर ने चेतावनी दी कि वैश्विक आर्थिक मंदी से पैदा होने वाले तनाव से पुरुषों के टेस्टोस्टेरोन स्तर भी प्रभावित हो सकते हैं। लंदन के मेन्स हेल्थ क्लिनिक के मेडिकल डायरेक्टर रिचर्ड पेट्‍टी का कहना है कि लंबे समय तक काम करने, वित्तीय चिंताओं और अनिश्चितता के चलते लोगों के हार्मोन में गिरावट आ सकती है।

उल्लेखनीय है पुरुषों के अंडकोष में पैदा होने वाले हार्मोन-टेस्टोस्टेरोन से पुरुषों में सेक्स संबंधी गुणों का निर्धारण होता है। यह सेक्स संबंधी कार्य, रक्त प्रवाह और माँसपेशियों के वजन के अलावा व्यक्ति की एकाग्रता, मूड और याददाश्त से भी जुड़ा होता है।

पेट्टी का कहना है कि जब एक व्यक्ति चिड़चिड़ा या बदमिजाज हो जाता है तो काम को दोष दिया जाता है अथवा कहा जाता है कि यह बुढ़ा़पे का असर है, जबकि थोड़े समय के लिए तनाव भी टेस्टोस्टेरोन के स्तरों को बढ़ाता है और इससे लोगों को सहायता मिलती है कि वे दबाव या नई स्थितियों को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। लेकिन अगर यह स्थिति लगातार बनी रहे तो इससे टेस्टोस्टेरोन में गिरावट आती है।

उल्लेखनीय है कि आर्थिक मंदी के कारण लोग लगातार तनाव में हैं। आधुनिक जीवनशैली के कारण भी लगातार तनाव बना रहता है, क्योंकि बहुत अधिक तनाव वाले काम से बेकार होने का खतरा लगा रहता है।

इसका परिणाम यह होता है कि निचले टेस्टोस्टेरोन स्तर से आलस्य, चिड़चिड़ापन, एकाग्रता की कमी और सेक्स संबंध बनाने की रुचि में कमी आती है। पेट्टी की लोगों को सलाह है कि वे अपने तनाव के स्तरों को कम करें और इसके लिए वे आराम करें, स्वास्थ्‍यवर्द्धक भोजन करें और व्यायाम अनिवार्य तौर पर करें।