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Written By भाषा

भारतीय पुजारियों ने शुरू की पूजा

दबाव के आगे झुके माओवादी, बदला फैसला

भारतीय पुजारियों ने शुरू की पूजा -
दुनिया के सर्वाधिक प्रसिद्ध मंदिरों में से एक पशुपतिनाथ मंदिर में गुरुवार को हालिया बहाल भारतीय पुजारियों के नित्यपूजा के साथ पूजा-अर्चना का काम शुरू हो गया।

मुख्य पुजारी महाबालेश्वर भट्ट के नेतृत्व में तीन भारतीय पुजारी फिर अपने काम पर लौटे। दो अन्य पुजारी गणेश भट्ट और रामकृष्ण भट्ट हैं। इन पुजारियों का परिवार पिछले तीन सौ सालों से पूजा-अर्चना करता रहा है, लेकिन माओवादी सरकार ने उन्हें हटा दिया था।

सरकार ने उन्हें हटाने का निर्णय एक दिन पूर्व ही बदला है। भारतीय पुजारियों की बहाली के लिए घरेलू और बाहर के हिन्दू समूहों और राजनीतिक दलों के दबाव के आगे माओवादियों को झुकना पड़ा है।

धार्मिक कार्यकर्ता और पीएडीटी के पूर्व सदस्य नरोत्तम वैद्य ने कहा कि विरोध प्रदर्शनों और अदालती लड़ाई के उपरांत एक सप्ताह बाद शुरू हुई पूजा-अर्चना के अवसर पर बॉलीवुड स्टार और सांसद गोविंदा सहित कई लोग मंदिर में मौजूद थे।

पशुपति क्षेत्र विकास न्यास (पीएडीटी) द्वारा नियुक्त पुजारियों को हटा दिया गया है और न्यास को औपचारिक प्रक्रिया अपनाते हुए नए पुजारियों की नियुक्ति करने की ताजा प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया गया है। नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड इस न्यास के संरक्षक हैं।

भारतीय पुजारियों की बर्खास्तगी का व्यापक विरोध हुआ था और नेपाली कांग्रेस के समर्थन से स्थानीय हिन्दू समूहों ने आरोप लगाया था कि नई नियुक्तियों में प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने हाल में एक अंतरिम आदेश जारी किया था, जिसमें उसने सरकार को भारतीय पुजारियों को पूजा-अर्चना जारी रखने की अनुमति देने को कहा था। इसने नए पुजारियों की नियुक्ति को निरस्त कर दिया था।

प्रचंड ने कहा कि मैंने तत्काल प्रभाव से नए पुजारियों की नियुक्ति निरस्त कर दी है और पुराने (भारतीय) पुजारियों से धार्मिक समारोह जारी रखने का आग्रह किया है।

नेपाल सरकार का यह निर्णय भारतीय अभिनेत्री और राज्यसभा की पूर्व सदस्य शबाना आजमी के साथ प्रचंड के साथ बैठक के बाद सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पालन करेंगे। वैद्य ने कहा पवित्र हिन्दू मंदिर में प्रार्थना शुरू होने के मौके पर दो हजार से ज्यादा लोग मौजूद थे।