ब्रिटेन में पिछले चार साल के दौरान मुसलमानों की आबादी में 10 गुना तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
अप्रवास, जन्म दर में वृद्धि तथा इस्लाम धर्म स्वीकार करने वाले लोगों की संख्या में इजाफे को मुस्लिम आबादी में बढ़ोतरी की वजह माना जा रहा है। हालाँकि विशेषज्ञों ने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध को लेकर पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया के कारण मुसलमानों में अपना परिचय मुस्लिम के रूप में दिए जाने की भावना मजबूत होने को भी इसका कारण माना है।
ब्रिटेन के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के एक अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है कि ब्रिटेन में मुस्लिम जनसंख्या में अन्य धर्मों एवं वर्गों के मुकाबले 10 गुना तेजी से वृद्धि हुई है। इस दौरान मुसलमानों की आबादी पाँच लाख की बढ़ोतरी के साथ 24 लाख हो गई।
वर्ष 2004 से 2008 के बीच की अवधि पर आधारित इस शोध में यह भी उजागर हुआ कि इस दौरान ईसाइयों की तादाद में 20 लाख से ज्यादा की गिरावट आई है।
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय के मुताबिक ब्रिटेन में चार करोड़ 26 लाख से ज्यादा ईसाई हैं, लेकिन उनकी आबादी का एक बड़ा हिस्सा 70 वर्ष की उम्र पार कर चुका है, जबकि मुस्लिम जनसंख्या के मामले में यह अनुपात काफी कम उम्र वाले लोगों का है।
मुस्लिम काउंसिल ऑफ ब्रिटेन के महासचिव मोहम्मद अब्दुल बारी का कहना है कि भविष्य में जनसंख्या का ज्यादातर हिस्सा मुसलमान लोगों का होगा मगर इसे समाज के अन्य वर्गों के लिए खतरा नहीं समझा जाना चाहिए।
दूसरी ओर मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सेरी पीच का कहना है कि मुसलमानों की बढ़ती आबादी समाज के लिए चुनौती है।