बाल-बाल बचे 66 अनिवासी भारतीय
वाहन खाली करते ही हुआ विस्फोट
दक्षिणी इंग्लैंड में सैर सपाटे के लिए निकला 66 सिख महिलाओं एवं बच्चों का एक समूह जलती हुई डबल डेकर बस से चमत्कारिक रूप से बाल-बाल बच गया लेकिन उसे वहाँ से गुजर रहे मोटर चालकों की नस्लवादी टिप्पणियों का शिकार अवश्य बनना पड़ा।द डोरसेट इको की खबर के अनुसार ल्यूटन में गुरुद्वारा में अरदास करने वाले यात्री वेमाउथ से सैर-सपाटा कर वापस लौट रहे रहे थे। हेम्पशायर में एक सतर्क पुलिस अधिकारी ने उनसे तुरंत वाहन खाली करने को कहा। इन लोगों के वाहन खाली करने के कुछ ही मिनट बाद डबल डेकर में विस्फोट हो गया।कोच में सवार महिलाओं में से एक इंद्रजीत कौर ने बताया कि वाहन से हटाए गए लोगों पर समीप से गुजर रहे मोटर चालकों ने उस समय नस्ली टिप्पणी की जब वे सड़क के किनारे खड़े होकर उन्हें ले जाने के लिए आने वाले वाहन का इंतजार कर रहे थे।कौर ने कहा कि वे हमारी तरफ इशारा कर कह रहे थे कि जलती हुई बस में वापस जाओ। वे हमारी तरफ अंगुलियों से इशारा कर रहे थे। एक अन्य यात्री इंद्रजीत बुआर ने कहा कि हम लोग ने वेमाउथ तक जाने का कार्यक्रम बनाया था और 200 से अधिक लोग तीन कोच पर यात्रा कर रहे थे।जब रबड़ जलने की गंध के बारे में चालक को बताया गया तो उन्होंने तय किया कि अगले मोटरवे सर्विसेज पर चला जाए। लेकिन जब बस आगे बढ़ रही थी तो बगल से गुजरने वाले वाहन अपनी लाइट जलाकर यह बताने की कोशिश कर रहे थे कि कुछ गड़बड़ है।बुआर ने कहा कि हमें रोका गया। एक पुलिसकर्मी जो ड्यूटी पर नहीं था, उसने वाहन पर चढ़कर हम सभी को शीघ्र ही नीचे उतार दिया।