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Written By भाषा
Last Updated :वाशिंगटन (भाषा) , गुरुवार, 3 जुलाई 2008 (00:41 IST)

बापू के भाषण की दुर्लभ रिकॉर्डिंग

बापू के भाषण की दुर्लभ रिकॉर्डिंग -
अमेरिका में महात्मा गाँधी की दुर्लभ रिकॉर्डिंग सामने आई है। राष्ट्रपिता के अँगरेजी में भाषण की दो ही रिकार्डिंग हैं जिनमें से यह एक है। इस भाषण में उन्होंने अहिंसा, सांप्रदायिक सद्‍भाव और परमाणु बम की संख्या बढ़ने के खतरों की बात की है।

यह भाषण गाँधी की हत्या से महज दस महीने पहले 2 अप्रैल 1947 को रिकॉर्ड किया गया था। यह रिकॉर्डिंग दुनिया के समक्ष नहीं थी। सिर्फ इसके कुछ मुख्य अंश इंटरनेट पर उपलब्ध थे। कुछ साल पूर्व एक इतालवी सेल फोन फर्म ने इसके कुछ हिस्सों का उपयोग कर विज्ञापन बनाया था।

अमेरिका की हालिया यात्रा के दौरान गाँधी के पौत्र और जीवनीकार राजमोहन गाँधी को पूरे भाषण की रिकॉर्डिंग का पता चला। इसे नेशनल प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष जॉन कासग्रोव ने 60 साल से संरक्षित रखा है। रिकॉर्डिंग कासग्रोव को पत्रकार अल्फ्रेड वाग से मिली थी। वाग ने नई दिल्ली में भाषण रिकॉर्ड किया था।

वॉशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि राजमोहन के अनुसार केवल दो मौकों पर गाँधी को अँगरेजी बोलते रिकॉर्ड किया गया है। दूसरा भाषण धार्मिक मुद्दों पर है, जिसे 1930 के दशक में रिकॉर्ड किया गया।

भाषण उन्हीं विषयों पर हैं, जो गाँधी को प्रिय थे। अहिंसा का महत्व जाति प्रथा का उन्मूलन, हिन्दुओं और मुसलमानों में भाईचारा तथा हिंसा एवं शोषण के खिलाफ दुनिया की एकजुटता।

एक जगह गाँधी कहते हैं एक मित्र ने कल पूछा कि क्या मैं एक दुनिया में विश्वास करता हूँ। निश्चित तौर पर मैं एक दुनिया में विश्वास करता हूँ। आप वह संदेश आज लोकतंत्र के इस युग में फिर दे सकते हैं, ऐसा युग जिसमें गरीबों में गरीब जागृत हो रहा है।

दूसरे विश्व युद्ध, हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम हमलों और यहूदियों के नरसंहार की पृष्ठभूमि में गाँधी हिंसा से दूर करने का रास्ता निकालने में मदद की भी बात करते हैं।

गाँधी ने कहा कि मैं क्या समझना चाहता हूँ... यदि आप कर सकें, यह कि पूर्व के संदेश, एशिया के संदेश को यूरोपीय चश्मे से नहीं सीखा जा सकता, न तो पश्चिम के तनाव की नकल से, पश्चिम की बारूद, पश्चिम के परमाणु बम से। गाँधी कहते हैं ईसाइयत विकृत हो गई, जब यह पश्चिम गई। मुझे यह कहने का अफसोस है, लेकिन यह मेरी भावना है। पश्चिम को आज बुद्धिमत्ता की तलाश है।

उन्होंने कहा कि पश्चिम आज परमाणु बमों का गुणा करना चाहता है क्योंकि परमाणु बमों के गुणा का आशय भयंकर विनाश न सिर्फ पश्चिम बल्कि दुनिया का विनाश होगा, मानो बाइबिल की शिक्षा पूरी होने जा रही हो और पूरा प्रलय होगा।

उन्होंने कहा कि यदि आप पश्चिम को कोई संदेश फिर देना चाहते हैं तो यह निश्चित तौर पर प्रेम का संदेश होना चाहिए, यह निश्चित तौर पर सत्य का संदेश होना चाहिए।