शनिवार, 20 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. अंतरराष्ट्रीय
Written By संदीप तिवारी

निर्वस्त्र होकर नृत्य भी एक कला है

निर्वस्त्र होकर नृत्य भी एक कला है -
यह बात भारत में भले ही अजीब और अविश्वसनीय लगती हो लेकिन अमेरिका में यह कानूनन वैध है और वहाँ महिलाओं का निर्वस्त्र होकर नाचना भी कला है। परंतु इसके साथ शर्त यह है कि इस कला का प्रदर्शन केवल आर्ट सेंटरों में ही किया जा सकता है और स्वाभाविक है कि ऐसे आर्ट सेंटर अमेरिका या यूरोपीय देशों में ही हो सकते हैं।

ऐसा नहीं है कि अमेरिका के आयोवा राज्य में भी इस बात के खिलाफ आवाज नहीं उठाई गई और लोगों ने इसका विरोध नहीं किया। इस तरह की आर्ट फॉर्म को लेकर बहस भी हुई और सार्वजनिक बहस का यह मुद्‍दा कोर्ट तक जा पहुँचा लेकिन जीत उन लोगों की हुई जिनका दावा है कि नग्न होकर नाचना भी कला का एक स्वरूप है और इसे अश्लील कहकर खारिज नहीं किया जा सकता है।

इतना ही नहीं सरकारी अधिकारियों ने इस मामले को कोर्ट के सामने भी रखा लेकिन तमाम कानूनी जिरह और सोच विचार के बाद पाया गया कि ऐसा कोई कानून नहीं है जिसके तहत एक आर्ट सेंटर में किसी महिला या लड़की को इस तरह का नृत्य किए जाने से रोका जाए।

राज्य में भी इन दिनों इस बात को लेकर बहस छिड़ गई है कि क्या नंगा नाचना कला है? गौरतलब है कि यह बहस केवल लोगों के बीच ही नहीं हो रही है वरन् यह मामला बाकायदा उँचे कोर्ट में भी पहुँच सकता है और इसके विरोधी यह तर्क दे सकते हैं कि इस तरह के नृत्य के समर्थक कानूनी खामियों का लाभ उठा रहे हैं क्योंकि आयोवा राज्य में ऑल न्यूड स्ट्रिप क्लब नहीं हैं और कानूनन इसकी मनाही है लेकिन प्रश्न यह पैदा हुआ है कि क्या महिलाओं का नग्न नृत्य राज्य के पब्लिक इन्डीसेंट एक्सपोजर लॉ के अंतर्गत नहीं आता है?

नेब्रास्का में बहने वाली मिसौरी नदी के समीप बसे करीब 1200 लोगों की आबादी वाले कस्बे हाम्बुर्ग में इसे आर्ट सेंटर में प्रदर्शि‍त करने का मामला कोर्ट तक पहुँचा। यह मामला कितना महत्वपूर्ण हो सकता है, इसे इसी तथ्य से जाना जा सकता है कि यदि इस मामले में ऊँचे कोर्ट का फैसला खिलाफ आता है ‍तो समूचे राज्य में न्यूड डासिंग क्‍लबों के भविष्य पर भी प्रश्नचिन्ह लग सकता है।

यह मामला 21 जुलाई, 2007 को शुरू हुआ था जब हाम्बुर्ग के मेयर स्टीवन मैकडोनाल्ड की 17 बर्षीय भतीजी ने कस्बे के शॉटगन गेनीज आर्ट सेंटर के स्टेज पर अपने सारे कपड़े उतार दिए और नाचने लगी। इस घटना के बाद सेंटर की मालकिन क्लेयरेंस जूडी पर आरोप लगाया गया कि उनके सेंटर में यह प्रदर्शन राज्य सार्वजनिक अश्लील प्रदर्शन कानून (पब्लिक इन्डीसेंट एक्सपोजर लॉ) का खुला उल्लंघन है।

इस आरोप के जवाब में जूडी के वकील ने कोर्ट में जवाब दिया कि सार्वजनिक अश्लील प्रदर्शन कानून थिएटर, कन्सर्ट हॉल, आर्ट सेंटर, म्यूजियम और ऐसे ही अन्य स्थानों पर लागू नहीं होता है। उनका तर्क था कि इन स्थानों पर कला या कलात्मक प्रदर्शन किए जाते हैं जिन्हें अश्लील कहना उचित न होगा।

जबकि इस मामले में फ्रेमेंट काउंटी की सरकारी वकील, मारग्रेट जॉनसन, का कहना है कि किसी क्लब में एक नाबालिग लड़की निर्वस्त्र होकर नाचे, यह अश्लील और अवैध है। उनका कहना है कि इस तरह के चित्रण को केवल फिल्मों में ठीक कहा जा सकता है। आर्ट गैलरियों में प्रदर्शित होने वाली तस्वीरों में भी नग्नता को स्बीकार किया जा सकता है।

पर इस मुकदमे के दौरान जूडी के वकील ने 1988 की एक नजीर रखी जिसमें कहा गया था कि निर्वस्त्र नाच भी एक कलात्मक अभिव्यक्ति हो सकती है। इस मुकदमे में डेवनपोर्ट के सदर्न कम्फर्ट थिएटर फॉर द परफॉर्मिंग आर्ट्स के मालिक पर अश्लीलता प्रदर्शित करने का आरोप लगाए जाने का हवाला दिया गया था लेकिन तब भी न्यायाधीश ने इसे सार्वजनिक अश्लीलता नहीं माना था। और कहना ना होगा कि बहस के बावजूद दूसरी बार भी हाम्बुर्ग की अवयस्क लड़की ने अश्लीलता कानून को अमेरिका में नए सिरे से परिभाषित करने में मदद की है।