अफगानिस्तान के शिया समुदाय के लिए लागू होने वाले कानून से महिलाओं की स्वतंत्रता और सम्मान को खतरा होने के अंदेशों के चलते एक प्रमुख मानवाधिकार संस्था ने राष्ट्रपति हामिद करजई से कानून को लागू न करने की अपील की है।
इसके पूर्व इस नए कानून की ओबामा प्रशासन भी आलोचना कर चुका है। कानून शिया समुदाय में शादी और तलाक को नियंत्रित करता है।
विशेषज्ञों के अनुसार इस कानून से वैवाहिक बलात्कार को वैधता मिलेगी। कानून में कहा गया है कि किसी भी महिला को घर के बाहर जाने के पूर्व अपने पति से अनुमति लेनी होगी। उसे अपने पति की इच्छानुरूप कपड़े पहनने होंगे और वह पति की इच्छा होने पर उससे यौन संबंध स्थापित करने के लिए मना नहीं कर सकती।
ह्यूमन राइट्स वॉच संस्था के एशिया निदेशक ब्रैड एडम्स ने कहा कि राष्ट्रपति को थोड़े समय के राजनीतिक फायदे के लिए महिलाओं के हितों के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। वह आग से खेल रहे हैं। दूसरे समुदायों के भी ऐसा ही नियम बनाने की माँग को वह कैसे ठुकरा पाएँगे।
संस्था ने कहा है कि राष्ट्रपति को इस पर हस्ताक्षर नहीं करने चाहिए। हालाँकि करजई ने कानून मंत्रालय से कानून की समीक्षा करने को कहा है, लेकिन संस्था का कहना है कि समीक्षा करने वाले लोग भी शिया समुदाय से ही जुड़े हैं, ऐसे में कानून की समीक्षा क्या होगी। संस्था ने कानून का विरोध करने पर अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, कनाडा और नाटो की प्रशंसा की है।