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Written By भाषा

डेविड कैमरून ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री

निक क्लेग बने उप प्रधानमंत्री

डेविड कैमरून ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री -
PTI
लिबरल डेमोक्रैट्स के साथ समझौता होने के बाद कंजरवेटिव पार्टी नेता डेविड कैमरून ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बने हैं जबकि लिबरल डेमोक्रैट नेता निक क्लेग उपप्रधानमंत्री बने हैं।

कंजरवेटिव और लिबरल डेमोक्रैट्स के बीच समझौता से पिछले 70 साल में देश में पहली बार कोई गठबंधन सरकार बनने जा रही है। इसी के साथ 13 साल से लगातार सत्तारूढ़ रही लेबर पार्टी को सत्ता के गलियारों से हटना पड़ा।

कैमरून इस शीर्ष पर उस समय आसीन हुए जब महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने गॉर्डन ब्राउन के इस्तीफे के बाद पिछली रात कैमरून को नई सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया।

क्लेग को नई गठबंधन सरकार में उप प्रधानमंत्री नामित किया गया है। दरअसल, कैमरून ने कहा कि उनकी योजना अपनी कंजरवेटिव पार्टी और लिबरल डेमोक्रैट्स के बीच पूर्ण गठबंधन की स्थापना की है।

बकिंघम पैलेस से जारी एक बयान में बताया गया है कि महारानी ने 43 साल के कैमरून को नई सरकार गठित करने का आग्रह किया है।

बकिंघम पैलेस से जारी बयान में कहा गया है कि राइट ऑनरेबल डेविड कैमरून ने महामहिम की पेशकश स्वीकार कर ली और प्रधानमंत्री के रूप में अपनी नियुक्ति पर उनके हाथों को चूमा।

कैमरून पिछले तकरीबन दो सौ साल में देश के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने हैं। इससे पहले लॉर्ड लीवरपुल ने 42 साल की उम्र में सत्ता की बागडोर संभाली थी। साथ ही, पिछले 70 साल में पहला मौका है जब ब्रिटेन में कोई गठबंधन सरकार बन रही है।

कंजरवेटिव पार्टी और लिबरल डेमोक्रैटिक पार्टी के बीच सत्ता बंटवारे के लिए यह समझौता पाँच दिन के कठोर मोल-तोल के बाद हो सका। चार अन्य लिबरल डेमोक्रैट्स को कैबिनेट पद मिले हैं।

दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह पहला मौका है जब ब्रिटेन में कोई गठबंधन सरकार बन रही है। इससे पहले विंस्टन चर्चिल ने युद्धकालीन गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया था। पिछले हफ्ते संपन्न चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी और उसने लेबर पार्टी के 13 साल के शासन का अंत कर दिया।

लेबर लीडर गॉर्डन ब्राउन ने कल रात बकिंघम पैलेस में महारानी एलिजाबेथ से मुलाकात की थी। 15 मिनट की मुलाकात के दौरान उन्होंने महारानी को अपना त्यागपत्र सौंपा था।

ब्रिटिश प्रोटोकोल के अनुसार इस्तीफा देने के बाद ब्राउन ने महारानी को सुझाव दिया कि कैमरून हाउस ऑफ कामंस में बहुमत हासिल करने की स्थिति में है, और इसलिए उन्हें अगली सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री नामित होने के बाद अपने पहले भाषण में कैमरून ने कहा कि राजनीतिक व्यवस्था में लोगों का विश्वास निर्मित करना उनकी अहम जिम्मेदारियों में होगी।

उन्होंने कहा कि हाँ, यह खर्च को साफ-सुथरा बनाने का मामला है, हाँ, यह संसद के सुधार का मामला है, और हाँ यह सुनिश्चित करने का मामला है कि जनता का नियंत्रण हो, और यह कि नेता हमेशा उनके सेवक रहें और कभी उनके आका नहीं बनें।

अभी सरकार के कार्यक्रम का ब्योरा औपचारिक रूप से सार्वजनिक नहीं किया गया है, रिपोर्ट में बताया गया है कि गठबंधन की दोनों पार्टियाँ वैकल्पिक मतदान प्रणाली और पाँच साल के नियत संसद पर जनमतसंग्रह कराने पर सहमत हुई हैं।

कैमरून ने 2006 में कंजरवेटिव पार्टी की कमान संभाली थी। उसके तुरंत बाद उन्होंने सबसे पहले भारत की यात्रा की थी।

कैमरून ने भारत के साथ एक नया विशेष रिश्ता गढ़ने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी स्थान पाने की भारत की कोशिश की हिमायत करने का वादा किया है। कंजरवेटिव पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में कहा गया है कि पार्टी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र, भारत के साथ एक नया विशेष रिश्ता स्थापित करने के लिए काम करेगा।

कंजरवेटिव पार्टी ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान में वृहत स्थिरता की दिशा में काम करने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जगह पाने की भारत की कोशिशों की हिमायत करने का भी संकल्प जताया है। (भाषा)