गुजरात दंगों में नरेन्द्र मोदी की भूमिका, नहीं मिलेगा अमेरिकी वीजा
वॉशिंगटन। अमेरिकी संसद की धार्मिक स्वतंत्रता से संबंधित एक स्वतंत्र समिति ने अमेरिका से मांग की है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर वीजा प्रतिबंध जारी रखा जाए।समिति ने कहा कि वर्ष 2002 में राज्य में हुई हिंसा में उनके संबंधों को लेकर ठोस सबूत हैं। अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) की अध्यक्ष कैटरीना लांतोस स्वेत ने वार्षिक रिपोर्ट जारी करने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गुजरात में हुई हिंसा और दर्दनाक घटनाओं में उनके संबंधों को लेकर ठोस सबूत हैं और इस कारण वीजा देना उचित नहीं होगा।यूएससीआईआरएफ ने भारत को अफगानिस्तान, अजरबैजान, क्यूबा, इंडोनेशिया, कजाखस्तान, लाओस और रूस के साथ धार्मिक आजादी के मामले में श्रेणी दो के देशों में रखा है।वर्ष 2013 की वार्षिक रिपोर्ट में यूएससीआईआरएफ ने सिफारिश की है कि विदेश मंत्री आठ देशों (बर्मा, चीन, एरिट्रिया, ईरान, उत्तर कोरिया, सऊदी अरब, सूडान और उज्बेकिस्तान) को विशेष रूप से चिंता वाले देशों की श्रेणी (सीपीसी) में रखें। यूएससीआईआरएफ ने यह भी पाया कि सात अन्य देश (मिस्र, इराक, नाइजीरिया, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और वियतनाम) भी विशेष रूप से चिन्ता वाले देशों की श्रेणी में आते हैं।रिपोर्ट में कहा गया कि यूएससीआईआरएफ विदेश एवं गृह सुरक्षा विभागों से यह अनुरोध करता है कि उन विदेशी नागरिकों की ‘लुकआउट’ सूची तैयार की जाए जिनका इस आधार पर अमेरिका में आना अस्वीकार्य हैं।रिपोर्ट में कहा गया कि आयोग ने नवंबर 2012 को तत्कालीन विदेशमंत्री हिलेरी क्लिंटन को एक पत्र लिखकर मोदी के खिलाफ अमेरिकी नीति जारी रखने के लिए कहा था क्योंकि उसे अनुमान था कि गुजरात के मुख्यमंत्री वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
अदालत ने किसे माना था दोषी...
काबिलेगौर है कि साल 2002 में गुजरात में हुए दंगों के समय नरोडा पाटिया हत्याकांड मामले में पिछले साल अगस्त में फैसला आया था। अहमदाबाद की स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में 61 आरोपियों में से 32 को दोषी करार देते हुए 29 आरोपियों को बरी कर दिया था।इस हत्याकांड में 97 लोग मारे गए थे। इस दंगों में राज्य की पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी को भी दोषी ठहराया गया था। इस मामले में 300 से ज्यादा लोगों ने गवाही दी है। माया कोडनानी को अदालत ने 28 साल के लिए जेल भेज दिया है। किसने दी थी नरेन्द्र मोदी को क्लीन चिट...
वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी ने जकिया जाफरी की शिकायत की जांच करने के बाद 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के मामले में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी थी। एसआईटी के वकील आरएस जमुआर ने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और अन्य ने मुख्यमंत्री को निशाना बनाकर झूठी शिकायत दर्ज करवाई। मुख्यमंत्री ने कभी भी जाकर लोगों की हत्या करने की बात नहीं कही।