Last Modified: एम्सटर्डम ,
गुरुवार, 1 अप्रैल 2010 (16:20 IST)
2011 तक जलवायु समझौता नहीं
संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती के लिए देशों को प्रतिबद्ध बनाने वाला नया कानूनी समझौता संभवत: 2011 के खत्म होने से पहले पूरा नहीं हो पाएगा।
संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सचिवालय के कार्यकारी सचिव यवो डे बोएर ने कल कहा कि दिसंबर में कोपनहेगन सम्मेलन में निराशाजनक परिणामों के बाद देशों को विश्वास बहाली की जरूरत है।
कोपनहेगन सम्मेलन सिद्धांतों और जलवायु परिवर्तन से अत्यधिक खतरे का सामना कर रहे गरीब देशों को वित्तीय मदद देने की प्रतिबद्धताओं वाले अस्पष्ट समझौते के साथ खत्म हुआ था।
बोएर ने बॉन जर्मनी स्थित अपने कार्यालय से टेलीफोनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा 'कोपनहेगन सम्मेलन के अंत में घोर निराशा हुई।' उन्होंने कहा कि कैंकून मेक्सिको में नवम्बर से शुरू होने जा रहे अगले वार्षिक सम्मेलन में भाग लेने वाले 194 देशों के बीच मुख्य तत्वों पर सहमति के साथ चर्चा 'वापस पटरी' पर आनी चाहिए।
लगभग तीन साल के कार्यकाल के बाद एक जुलाई को पद छोड़ने जा रहे बोएर ने कहा 'मुझे उम्मीद है कि जो मैं कोपनहेगन सम्मेलन में चाहता था वह कैंकून में पूरा होगा।' डेनमार्क की राजधानी में 120 देशों तथा सरकारों के प्रमुखों के बीच मुलाकात के बाद अगले सप्ताह बॉन में मुद्दे पर पहली बार चर्चा होगी। (भाषा)