मंगलवार, 16 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. »
  3. समाचार
  4. »
  5. अंतरराष्ट्रीय
Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) , गुरुवार, 8 जनवरी 2009 (22:49 IST)

आतंक का खतरा बरकरार-अमेरिका

आतंक का खतरा बरकरार-अमेरिका -
पाकिस्तान से पैदा होने वाले आतंकवाद के खतरे को समाप्त करने पर प्रतिबद्धता जताते हुए अमेरिका ने गुरुवार को कहा कि इस बारे में पाक द्वारा अब तक उठाए गए कदम पर्याप्त नहीं हैं और इस दिशा में काफी कुछ किए जाने की जरूरत है।

इस्लामाबाद से यहाँ आने के तुरंत बाद विदेश सचिव शिवशंकर मेनन से बात कर चुके अमेरिकी विदेश उपमंत्री रिचर्ड बाउचर ने इस बात पर जोर दिया कि अभी तक जो सुराग मिले हैं, उनके आधार पर मुंबई हमलों के पीछे जिम्मेदार व्यक्तियों और संगठनों का पता लगाए जाने की जरूरत है।

अमेरिकी उपमंत्री ने पाकिस्तानी नेतृत्व से मुंबई हमलों की जाँच को इसके तार्किक निष्कर्ष तक पहुँचाने को कहा। उन्होंने इस्लामाबाद में हुई अपनी बातचीत से मेनन को अवगत कराया।

विदेश सचिव से मुलाकात के बाद बाउचर ने कहा प्रधान मुद्दा मुंबई हमला था। यह भारतीयों अमेरिकियों तथा अन्य के खिलाफ भयानक हमला था। हम इस पर आगे बढ़ते रहेंगे।

उन्होंने कहा अमेरिका और भारत दोनों यह बात जानने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि यह किसने किया कैसे किया तथा यह कैसे सुनिश्चित किया जा कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो।

बाउचर ने कहा अमेरिका यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास जारी रखेगा कि भारतीयों अमेरिकियों तथा पाकिस्तान सहित पूरी दुनिया के लिए यह खतरा समाप्त हो जा।

उन्होंने कहा मुझे लगता है अब तक हमने जो कहा, वह हुआ है। यह एक अच्छी शुरुआत है। पाकिस्तान में हमने देखा कि कुछ लोगों को पकड़ा गया। हमने देखा कि कुछ कार्यालय (बंद किए गए) पाकिस्तान सरकार जमात-उद-दावा के पीछे लग गए हैं।

बाउचर ने कहा हम निश्चित तौर पर यह मानते हैं कि अब तक उठाए गए कदमों से खतरा समाप्त नहीं हुआ है। हम सभी के समक्ष यह लक्ष्य है कि ऐसा फिर कभी न हो।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन हमलों के जिम्मेदार लोगों का पता लगाया जाए। हमें उन सुरागों के पीछे वहाँ तक जाना चाहिए, जहाँ तक वे ले जाएँ, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हम इन हमलों में शामिल सभी लोगों के बारे जान जाएँ और इसमें शामिल सभी संगठनों को बंद करवा सकें।

अमेरिकी उपविदेशमंत्री ने कहा आरंभिक कदम उम्मीदों से भरे हैं, लेकिन पाकिस्तानी भूमि से आतंक के खतरे को मिटाने के लिए काफी कुछ करने की जरूरत है।