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Written By WD

द स्लमडॉग मिलियनेयर

द स्लमडॉग मिलियनेयर -
- जनकसिंह झाला

IFM
सफलता पाने के लिए इनसान को कितने संघर्षों का सामना करना पड़ता है, यह बात हॉलीवुड निर्देशक डैनी बोयले ने अपनी फिल्म 'द स्लम डॉग मिलियनेयर' में बखूबी बताई है।

इस फिल्म में मुंबई की झोपड़ पट्टी में रहने वाले युवक को प्यार और पैसा पाने के लिए संघर्ष करते दिखाया गया है। एक मसाला फिल्म होने पर भी इस फिल्म ने विदेशों में और खासकर अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में काफी धूम मचाई है।

फिल्म का कथासार कुछ इस प्रकार है- जमाल मलिक (देव पटेल) नाम का एक युवक अचानक ही पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन जाता है क्योंकि कॉल सेन्टर में काम करने वाला यह चायवाला अचानक ही प्रसिद्ध शो 'हू बिकम मिलियनेयर' में विजेता बनकर करोड़ों रुपए का मालिक बन जाता है।

शो के होस्ट प्रेम कुमार (अनिल कपूर) और पुलिस का मानना है कि उसने धोखे से यह प्रतियोगिता जीती है। पुलिस इंस्पेक्टर (इरफान खान) जानना चाहता है कि आखिर वह मिलियनेयर कैसे बना।

फिल्म की कहानी फ्लैशबेक में चलती रहती है। जमाल का बचपन मुंबई की झोपड़ पट्टियों में बीता था। अमिताभ बच्चन का फैन जमाल एक बार तो अमिताभ का आटोग्राफ पाने के लिए गंदे नाले में डुबकी भी लगा लेता है।

मुंबई दंगों में अपनी माँ की मौत के बाद जमाल अपने भाई व लतिका नाम की एक लड़की के साथ जिसने दंगों में अपने परिवार को गँवाया है, गलत आदमियों के हाथ लग जाते हैं, जो मुंबई में बच्चों से भीख मँगवाते हैं। किसी तरह जमाल और सलीम इन लोगों के चंगुल से भाग निकलते हैं, लेकिन लतिका उनके साथ नहीं भाग पाती है।

दोनों भाई भागकर आगरा पहुँचते हैं, लेकिन वहाँ पर भी नसीब को साथ देता हुआ न देख दोनों वापस मुंबई का रुख करते हैं। जमाल लतिका को अब तक भूला नहीं है। वह हर दिन उसे ढूँढने के लिए निकल पड़ता है, आखिर में एक अंधे भिखारी बच्चे की मदद से वह लतिका तक पहुँच जाता है जो बदकिस्मती से अब मुंबई के रेडलाइट एरिया में पहुँच गई है। दोनो भाई उसे वहाँ से छुड़वाते हैं पर इस दौरान सलीम के हाथों एक हत्या हो जाती है और जमाल एक बार फिर अपने प्यार और भाई को खो देता है।

अब जमाल युवा हो चुका है, वह एक बहुत बड़े कॉल सेन्टर में मामूली चाय वाले की नौकरी करता है। कभी-कभी वह खुद भी कॉल सेन्टर के कर्मचारियों का काम संभाल लेता है। कई सालों के बाद वह अपने बड़े भाई को फिर से मिलता है जो अब जावेद भाई (महेश माँजरेकर) के लिए काम करता है। जावेद भाई के पास उसका प्यार लतिका (फरिदा पिन्टो) है। इसी बीच जमाल को 'हू बिकम मिलियनेयर' से न्योता मिलता है और आखिर में वह पैसों के साथ-साथ अपने प्यार को पाने में भी सफल होता है।

डैनी बोयले हॉलीवुड के श्रेष्ठ निर्देशकों में से एक हैं। 'ट्रांसपोर्टिंग' और 'द बीच' जैसी फिल्मों से डैनी अपनी प्रतिभा हॉलीवुड को दिखा चुके हैं। भारतीय लेखक विकास स्वरूप की पुस्तक 'क्यू एंड ए' से प्रेरित इस फिल्म में डैनी ने मुंबई की झुग्गियों और वहाँ के लोगों की जीवनशैली का अच्छी तरह चित्रण किया है।

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अभिनय के लिए छोटे जमाल और सलीम के किरदार काबिलेतारीफ है। देव पटेल नाम के भारतीय मूल के लड़के ने भी युवा जमाल के किरदार को बखूबी जिया है। बॉलीवुड के जाने-माने कलाकार अनिल कपूर होस्ट सीट पर जमे हैं। हालाँकि उन पर कई बार अमिताभ बच्चन हावी रहे हैं। फरीदा पिन्टो बिना मेकअप के भी सुंदर दिखती हैं, अन्य कलाकारों इरफान खान, महेश माँजरेकर और सौरभ शुक्ला ने भी अपनी-अपनी भूमिकाओं को अच्छी तरह निभाया है।

फिल्म के कुछ एक्शन दृश्य बेहतरीन बन पड़े हैं। फिल्म में एआर रहमान के संगीत ने जान डाल दी है। कुल मिलाकर हॉलीवुड के डैनी बोयले ने दर्शकों को मनोरंजन की एक अच्छी सौगात दी है।