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Written By समय ताम्रकर

डेनियल क्रेग : जेम्स बाँड बनना आसान नहीं

जेम्स बाँड
डेनियल क्रेग ‘क्वांटम ऑफ सोलास’ में दूसरी बार जेम्स बाँड बने हैं और उनका कहना है कि यह फिल्म ‘कसीनो रायल’ से ज्यादा बेहतर फिल्म है। नई फिल्म में ज्यादा थ्रिल और एडवेंचर है।

फिल्म की कहानी वहाँ से शुरु होगी जहाँ कसीनो रायल की कहानी खत्म हुई थी। बाँड उस बात की तहकीकात करेगा कि उस महिला की मौत कैसे हुई जिसे वह चाहने लगा था। एक्शन के साथ इसमें इमोशन का भी ध्यान रखा गया है और फिल्म का ट्रीटमेंट जेम्स बाँड की छवि को ध्यान में रखकर किया गया है।

डेनियल ने इस फिल्म के लिए खूब मेहनत की है। शूटिंग आरंभ होने के महीनों पूर्व उन्होंने किरदार में डूबना शुरू कर दिया था। शूटिंग के दौरान उन्हें कई बार चोट लगी। अँगुली में खतरनाक चोट के बाद उन्हें चेहरे पर भी चोट आई थी और आठ टाँके लगे थे। डेनियल इसे अपने काम का ही एक हिस्सा मानते हैं।

जेम्स बाँड बनना आसान नहीं है, क्योंकि इससे कलाकार की निजी जिंदगी पर गहरा असर होता है। हर कोई आपको सुपर मानव समझने लगता है। नकली किरदार का भार ढोते-ढोते आदमी को अपनी पहचान खोने का डर रहता है।

ऐसी ही हालातों का सामना डेनियल क्रेग भी करते हैं और संतुलन बनाए रखने की वे कोशिश करते हैं। वे अपने आपको साधारण मानव समझते हैं। उन्हें पार्टी या समारोह में बड़ी परेशानी होती है, जब लोग उन्हें जेम्स बाँड समझकर घूरते हैं।

यह माना जाता है कि जेम्स बाँड बनने के बाद अभिनेता का विकास रूक जाता है। दर्शक उसे दूसरी भूमिकाओं में पसंद नहीं करते हैं। इस मामले में डेनियल अपने आपको भाग्यशाली मानते हैं। जेम्स बाँड की भूमिका निभाने के बावजूद उन्हें कई फिल्मों में अलग-अलग किरदार निभाने को मिले हैं।

एक्शन फिल्में करना डेनियल को पसंद है और उन्हें विश्वास है कि आगे चलकर भी वे एक्शन फिल्मों के जरिए अपने प्रशंसकों की अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे।