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कहा कुछ नहीं
रवीन्द्र नारायण पहलवान जैसे ही मेरी मौत का समाचार आया मेरी पत्नी नेमेरे दोस्त को फोन लगायाऔर कहामेरे और तुम्हारे बीच की दीवारआज ढह गई ।मेरे भाई नेअपनी पत्नी को फोन लगायाऔर कहापुश्तैनी जायदाद में लगा काँटाआज निकल गया।मेरे पुत्र नेमेरे मित्र को फोन लगायाऔर कहाहर बात में टोका-टाकी करने वालाआज हमेशा के लिए चुप हो गया।मेरे प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी नेअपने पिता को फोन लगायाऔर कहाजिसके कारण मैं हमेशा फाइनल में हारता हूँवह आज जीवन से हार गया।मेरे पड़ोसी ने अपने भाई को फोन लगायाऔर कहाजिस कारण से मैं बगल मेंकमरा नहीं बना पा रहा थावह कारण आज खत्म हो गया।
मेरे कुत्ते ने
अपने पिल्ले को कहा कुछ नहींकेवल आँखों से समझायाजिसके कारण मैं जिन्दा हूँवह आज नहीं रहा।