ब्रह्य के धागे
सलिल चतुर्वेदी
अब भी खोज रहा हूंउस धागे कोजिसमें मेरे जीवन का हर एक दिन पिरोया जाता हैकैसा होगा वो ?क्या उसका कोई रंग होगा ?वही तो मेरे अस्तित्व का रंग होगा क्या वो महीन होगा या फिर खुरदुरा ?क्या उसमें मेरे पिछले जन्मों के धागों की गांठ होगी ?और इस धागे में उलझेऔर कितने धागे होंगे ?क्या हम सब के धागे
एक दूसरे से जुड़े हैं ?जब एक धागा हिलता होगातो सारे ब्रह्यांड मेंउसकी कम्पन महसूस न होती होगी ?साभार : तद्भव