एक्यूप्रेशर द्वारा दमे का उपचार
श्वसन संस्थान से संबंधित लगभग सारे रोगों का उपचार एक्यूप्रेशर द्वारा संभव है। दमा में भी इस पद्धति द्वारा निश्चित राहत मिलती है। पुराने तथा जटिल रोग में थोड़े धैर्य की आवश्यकता होती है, किंतु सफलता निश्चित है। * पैरों एवं हाथों के ऊपर सारे चैनल पर दमे के दौरे में इन चैनलों के ऊपर सरसों के तेल की मालिश करने से दौरे का प्रकोप नियंत्रित हो जाता है। * हाथों पर अँगूठे तथा पहली (तर्जनी) अँगुली के बीच वाला भाग। * तर्जनी अँगुली के नाखून के आधार पर, अँगूठे की ओर। * नाक के एकदम नीचे, ऊपरी होंठ के मध्य। * गले में टांसिल के पास, जहाँ धड़कन महसूस होती है और इससे एक अँगूठा नीचे* कॉलर बोन के मध्य में। यहाँ दबाव हल्का दें। * निप्पल लाइन से एक अँगूठा बाहर की तरफ, कॉलर बोन के नीचे कोने में। * काँख के मध्य में। * निप्पल से एक अँगूठा ऊपर की ओर। * कोहनी मोड़ने पर दोनों किनारों पर। * कलाई के मध्य से 3 अँगुलियाँ ऊपर। * कलाई के ऊपरी किनारे पर। * घुटनों और बाहरी टखनों के मध्य में, पैरों के बाहरी तरफ। हाथों एवं पैरों के पंजों में, फेफड़ों, पिट्युटरी, पीनियल, थाइरॉइड तथा एड्रीनल ग्रंथि से संबंधित रिफ्लेक्स प्वाइंट, दबाव केंद्र ज्ञात न होने पर प्रतिदिन स्नान से पूर्व लकड़ी के पटिए पर खड़े होकर शांत भाव से एक मिनट तक यथाशक्ति ताली बजाएँ। आँखें बंद रखें। इस क्रिया से उपरोक्त सारे रिफ्लेक्स प्वाइंट स्वतः ही दब जाएँगे।