मधुमेह का कारण काम का दबाव
जरूरी है जीवन शैली में बदलाव
काम के दबाव की पीड़ा झेल रहे लोग दिल की बीमारी के अलावा मधुमेह के भी शिकार हो सकते हैं। जीवनशैली में आवश्यक तब्दीली लाकर इस स्थिति से निपटा जा सकता है।दबाव का संबंध हमेशा से खराब स्वास्थ्य के साथ रहा है। दबाव और उपापचय के बीच नए रिश्ते का खुलासा हुआ है। इससे मोटापा और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियाँ भी हो सकती हैं। शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन के 10 हजार नौकरशाहों पर यह अध्ययन संचालित किया। इन सभी नौकरशाहों के कार्यसंबंधी दबाव के स्तर और उपापचय के अलग-अलग पहलुओं को नापा गया। अध्ययन के अंतर्गत दिल की बीमारी और मधुमेह के लिए जिम्मेदार कई सारे तत्वों का भी अध्ययन किया गया। इसके अलावा उच्च रक्तचाप और उच्च कॉलेस्ट्रोल स्तर का भी अध्ययन किया गया।शोधकर्ताओं ने कई अन्य तत्वों को भी अध्ययन में शामिल किया। ऐसे तत्वों में सामाजिक वर्ग, धूम्रपान, शराब का अति सेवन और व्यायाम की कमी भी शामिल हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि काम के दबाव की मात्रा और उपापचय संबंधी क्रियाकलापों के बीच एक तरह का संबंध है।
अध्ययन दल के प्रमुख चंदोला ने कहा कि लंबे समय से कार्य के दबाव को झेल रहे लोगों में उपापचय संबंधी परेशानियाँ दो गुनी पाई गईं।उन्होंने कहा कि कार्य के दबाव को लंबे समय से झेलने के संभावित परिणाम के रूप में नर्वस सिस्टम संबंधी विकार भी आ सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जीवनशैली में परिवर्तन करके हम इन दबावों के अलावा उपापचय संबंधी परेशानियों पर भी काफी हद तक फतह हासिल कर सकते हैं।