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Written By WD

तेज धूप में कैसे करें बालों की देखभाल

डॉ. अरविंद पोसवाल

तेज धूप में कैसे करें बालों की देखभाल -
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गर्मियों में बाल बेजान हो जाते हैं, रूसी और बाल झड़ने की परेशानी भी बढ़ जाती है। दरअसल गर्मी में तेज धूप से बहुत पसीना बनता है और त्वचा की नमी बढ़ जाती है। त्वचा के छिद्र अधिक खुल जाते हैं, जिनसे पसीना निकलता है, लेकिन इससे त्वचा की जड़ कमज़ोर पड़ जाती है। चूंकि सिर की ऊपरी त्वचा पर नमी रहती है, इसलिए बालों के गिरने का खतरा बढ़ जाता है। नमी के कारण खुजली होती है। बार-बार खुजलाने से समस्या बिगड़ती जाती है और बाल गिरने लगते हैं।

बेशक बाल गिरने की समस्या गर्मियों में बढ़ती है, पर यह पूरे साल सताने वाली एक आम समस्या है। बालों की समस्या के कई कारण हैं। हालांकि मुख्यतः दो कारण देखे जाते हैं- आनुवांशिक और खान-पान की समस्या। बाल बढ़ने में भी इन कारणों की खास अहमियत है। बाल गिरने के कुछ अन्य कारण भी हैं, जैसे खाने में अधिक मीठा लेना, हानिकारक रसायन युक्त शैम्पू और कंडिशनर का उपयोग, चिंता, तनाव आदि।

कंघी करते हुए दो-चार बाल हाथ आ जाएं तो घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। हर दिन 45 से 60 बालों का गिरना स्वाभाविक है। इनकी जगह नए बाल उग आते हैं, लेकिन हर दिन औसत 60 से अधिक बाल गिरने लगे तो चिकित्सक से परामर्श लेना आवश्यक हो जाता है।

सबसे पहले तो आप बालों को नियमित रूप से धोएं। गमिर्यों के दिनों में तो बार-बार धोना चाहिए, क्योंकि विलंब करने से सिर की त्वचा तैलीय रह जाती है, बहुत अधिक बाल गिरने लगते हैं, रूसी की समस्या घेर लेती है और बाल रुखे हो जाते हैं। एक अन्य महत्वपूर्ण बात है शैम्पू का चयन, माइल्ड शैंपू का उपयोग करें। बेबी शैम्पू का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।

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यूं तो बाल गिरना बुढ़ापे की निशानी है, पर आज युवाओं में भी यह आम समस्या है। कम उम्र में बाल गिरने से कभी-कभी निराशा घेर लेती है। कई लोग बाल गिरने के बाद खुद को यार-दोस्तों के बीच जाने के काबिल नहीं मानते हैं। इससे उनमें इतनी हीन भावना आ जाती है कि वे स्वाभिमान खो बैठते हैं और खुद को कम आंकने लगते हैं।

बाल गिरने की समस्या के कई स्वरूप हैं। सबसे आम है एंड्रोजेनिक एलोपेसिया या मेल पैटर्न बाल्डनेस (पुरुषों में) या फीमेल पैटर्न बाल्डनेस (महिलाओं में)। आम तौर पर यह आनुवांशिक समस्या है। अन्य किस्म की समस्याएं अस्थायी होती हैं, पर ये त्वचा के संक्रमण, तनाव और अत्यधिक दवाएं लेने जैसी गंभीर समस्याओं का दुष्प्रभाव हो सकता है। बालों की अहमियत समझना हो तो किसी हेयर ट्रांसप्लांट क्लिनिक के बाहर लोगों की बढ़ती कतार देख लें, जिनके बाल उड़ते जा रहे हैं।