गर्मियों में होती है त्वचा की यह समस्याएं
गर्मियों के समय में त्वचा से संबंधित समस्याओं में सामान्यतः घमोरियां, सनबर्न, एलर्जी, टैनिंग आदि समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसे सामान्य भाषा में घमोरी या प्रिकलीहीट भी कहते हैं। यह स्वेद ग्रंथि की नलिका की सामान्य बीमारी है। इसमें ग्रंथि द्वारा उत्पन्न पसीना त्वचा की ऊपरी सतह पर आकर वाष्पीकृत हो जाता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। कभी-कभी अत्यधिक गर्मी की वजह से पसीना ज्यादा बनने लगता है और किसी कारण से स्वेद नलिका में रुकावट होने की वजह से पसीना त्वचा की ऊपरी सतह पर नहीं आ पाता है और वह त्वचा की निचली सतह पर फैलने लगता है। इससे त्वचा में लालिमा उत्पन्न होने लगती है और उसमें छोटे-छोटे लाल दाने बन जाते हैं जिसमें काफी खुजली व जलन होती है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है। इसका सामान्य कारण उष्णता व अत्यधिक गर्मी है। ये दाने धूप में जाने पर बढ़ जाते हैं। यह स्वेदवाही नलियों में रुकावट के आधार पर तीन प्रकार का होता है-
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क्रिस्टिलीना
यह त्वचा की ऊपरी सतह पर ही रुकावट होने से होता है। इसमें जो दाने बनते हैं वे सामान्यतः 2 सप्ताह तक के बच्चों में व बड़ों में बुखार आदि होने पर हो सकते हैं। इसमें ज्यादा जलन व खुजली नहीं होती है। ये एकाध दिन में अपने आप ठीक हो जाते हैं। यह बच्चों में सिर, गले व छाती आदि पर ज्यादा होते हैं। अगले पेज पर : जानिए दूसरा प्रकार
रुब्रा
यह सामान्यतः अत्यधिक गर्मी की वजह से होता है और इसमें त्वचा की गहराई तक रुकावट होने से होता है। इसमें दानों में जलन व खुजली ज्यादा होती है।
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सनबर्न
गर्मियों के मौसम में सनबर्न होना आम समस्या है। त्वचा के धूप के संपर्क में आने पर त्वचा में लालिमा, सूजन व कभी-कभी फफोले भी हो जाते हैं। सनबर्न होने पर ठंडे पानी की पट्टियां रखना चाहिए।
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