गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. »
  3. सेहत
  4. »
  5. यूँ रहें स्वस्थ
Written By WD

मोटापा कई बीमारियों का जनक

-सेहत डेस्क

मोटापा कई बीमारियों का जनक -
NDND
मोटापा एक ऐसी बीमारी है, जो स्त्री, पुरुष व बच्चे किसी को भी हो सकती है। मोटापा व्यक्ति की सुन्दरता नष्ट कर देता है और ज्यादा मोटापा समाज में हास्यास्पद स्थिति पैदा कर देता है।

मोटापा कई कारणों से हो सकता है जैसे- खान-पान, बैठक का काम करना, व्यायाम न करना आदि। कई बार मोटापा वंशानुगत भी होता है, परिवार में सभी मोटे लोग हैं तो आने वाली संतान भी मोटी हो सकती है।

जिस प्रकार खाँसी को, कब्ज को रोग का घर कहा जाता है, वैसे ही मोटापे को भी कई बीमारियों का जनक माना जाता है। दिल संबंधी, ब्लडप्रेशर संबंधी, गैस संबंधी, डायबिटीज संबंधी आदि कई तरह की बीमारियों का संबंध मोटापे से होता है।

शरीर में अतिरिक्त चर्बी जम जाने पर यह प्रकट होता है। मोटापा शरीर के कुछ अंगों पेट, जाँघ, हाथ, नितम्ब, कमर आदि को अनावश्यक रूप से फुलाते हुए अपने आस-पास के अंगों को दबाता चला जाता है, इस तरह यह पूरे शरीर को अपने कब्जे में ले लेता है।

इसका सबसे ज्यादा प्रभाव दिल, दिल की धमनियों आदि पर होता है। मोटापे में दिल के आसपास धमनियों में चर्बी जमा हो जाती है और दिल की परेशानियाँ बढ़ जाती हैं।

आचार्य चरक के अनुसार : अधिक मोटे व्यक्ति के शरीर में चर्बी ही बढ़ती है, अन्य धातुएँ उतनी नहीं बढ़तीं। मोटे व्यक्ति अल्पायु तो होते हैं, पुरुषत्वहीन, वीर्यविहीन, पसीने से परेशान, भूख-प्यास से व्याकुल तथा अनेक बीमारियों से ग्रस्त होते हैं। मोटा व्यक्ति भूख शांत करने के लिए नहीं खाता, बल्कि स्वादेन्द्रियों को शांत करने के लिए नाना प्रकार के भोजन करता है।

यूँ भी कह सकते हैं कि अतिरिक्त भोजन मिलने पर, आरामतलब होने पर तथा परिश्रम न करने पर हमारा शरीर अनावश्यक चर्बी एकत्र करने लग जाता है, यही चर्बी मोटापे का रूप होती है। चर्बी शरीर के लिए आवश्यक होती है, लेकिन जरूरत से ज्यादा चर्बी हानिकारक होती है।

चर्बी शरीर के सेल बनाने के लिए जरूरी है, सामान्य शरीर के लिए प्रतिदिन 60 ग्राम चर्बी जरूरी होती है। एक चौथाई चम्मच में 9 कैलोरी होती है। इसी प्रकार एक ग्राम प्रोटीन या कार्बोहाइड्रेट में मात्र 4 कैलोरी होती है।

मोटापे के कारण

* मोटापे का सबसे प्रमुख कारण है आरामतलबी होना, अय्याशी का जीवन जीना और परिश्रम न करना।

* चाहे जब भोजन करना, भोजन में वसा, मिठाई, तेल, घी, दूध, अंडे, शराब, मांस, धूम्रपान, अन्य तरह का नशा आदि की अति कर देना।

* महिलाओं में मोटापा फैलने के कारणों में- भोजन में अति, भोजन पश्चात दिन में सोना व परिश्रम कम करना, गर्भवती स्त्रियों को गर्भवती के नाम पर अनावश्यक खिलाते रहना। प्रसव बाद भी मेवों का अति सेवन कराना और शरीरिक श्रम कम करना, हमेशा घर में ही बने रहना आदि। प्रायः बाहर काम करने वाली स्त्रियाँ हाउस वाइफ की अपेक्षा कम मोटी होती हैं।

* बच्चों के मोटापे का कारण भी यही है कि माता-पिता लाढ़-प्यार में बच्चे को वसा, प्रोटीन से भरपूर पदार्थ अनावश्यक खिलाते रहते हैं। इससे शरीर में मेद वृद्धि बचपन से ही आ जाती है। कई बार दुबले माता-पिता के बच्चे इसी कारण मोटापे की गिरफ्त में आ जाते हैं।

* शरीर की कुछ ग्रंथियाँ भी मोटापे का कारण होती हैं, मौलिक चयापचय की क्रिया व शरीरिक क्रियाशीलता के फलस्वरूप अवटुका ग्रंथि और पीयूष ग्रंथि के स्रावों की कमी की वजह से मोटापा पनपता है।

* वंश परंपरा भी मोटापे का कारण है, यहाँ इसे रोग नहीं कह सकते। मोटे माता-पिता के बीज से पैदा होने वाला बच्चा भी मोटा ही होता है।

मोटापे के प्रकार

* ग्लैण्डुर ओबेसिटी : डॉक्टरी भाषा में बचपन के मोटापे को ग्रंथीय विकृति माना जाता है, इसे ग्लैण्डुर ओबेसिटी कहा जाता है। इसके उदाहरण कम ही देखने को मिलते हैं।

* फ्रोलिच मोटापा : इस प्रकार का मोटापा भी बचपन में ही देखने को मिलता है, यह अकसर मस्तिष्क में उत्पन्न ट्यूमर के कारण होता है। फ्रोलिच टाइप का मोटापा वक्ष, पेट व नितंबों को प्रभावित करता है। इस मोटापे में व्यक्ति का शरीर कुछ नारी समान व शिश्न छोटा हो जाता है, व्यक्ति का विकास नहीं हो पाता।

* कुशिंग सिण्ड्रोम : इस प्रकार का मोटापा मुख्यतः ऐड्रोनल ग्रंथि के सूज जाने या उसमें ट्यूमर निकलने, ऐड्रोनल ग्रंथि से हार्मोन अधिक मात्रा में निकलने के कारण होता है।

NDND
मोटापे से हानि

* मोटे व्यक्ति की आयु कम होती है। मोटे को जब कोई रोग लग जाता है तो साथ में अन्य दूसरे रोग भी पहले रोग का साथ देने चले आते हैं। मोटापे से बल व उत्साह का ह्रास होता है

* मोटा व्यक्ति स्वस्थ नहीं रह सकता, उसे हृदय संबंधी रोग होने की आशंका बनी रहती है। दिल का दौरा पड़ सकता है, धड़कन रुक सकती है, मधुमेह हो सकता है। शरीर पर फोड़ा होने पर जल्दी ठीक नहीं होता, पसीना अधिक आता है, सोते समय खर्राटे लेता है, साँस संबंधी परेशानी हो सकती है। मोटी महिलाओं को बच्चे नहीं होते या होते भी हैं तो कम और बड़ी मुश्किल से गर्भधारण होता है।

* शरीर में चर्बी बढ़ने से नैसर्गिक सौन्दर्य खत्म हो जाता है।

* स्वास्थ्य से हटकर एक अन्य कारण है, मोटे लोग जहाँ भी जाते हैं, ज्यादा जगह घेर लेते हैं। कई जगह हास्य का पात्र बनते हैं।

मोटापे की चिकित्सा

मोटापे की चिकित्सा में सबसे अच्छा है, मोटापा देने वाले कारणों को छोड़ देना। फिर भी हम यहाँ कुछ खास बातों पर आपका ध्यान दिलाना चाहते हैं-

* त्रिफला चूर्ण के काढ़े में शहद मिलाकर बासी मुँह पीना चाहिए।

* दो चम्मच शहद एक गिलास पानी में मिलाकर पीना चाहिए।

* एक गिलास गरम पानी में एक नींबू तथा एक चम्मच शहद मिलाकर पीना चाहिए।

* नमक का प्रयोग कम कर दें, भोजन पर नियंत्रण रखें, वसा, चिकनाई, मिठाई, मांस, पूरी-पराठे, बटर, अन्य फास्टफूड का उपयोग बंद कर दें। मोटापा घटाने में जल्दबाजी न करें, वर्ना कई प्रकार के खतरे पैदा हो सकते हैं।

* हरी सब्जियाँ, कच्ची सब्जियाँ, रेशेयुक्त खाद्य पदार्थ, सलाद व विटामिन-सी वाले फल आदि का सेवन भरपूर करें। यानी मोटापा देने वाले भोजन से तौबा करते चलें और अपनी जुबान पर काबू रखें।

* आपके शरीर में पहुँचने वाली कुल वसा, आपकी दिनभर की कैलोरी का 30 प्रतिशत होना चाहिए, क्योंकि प्रति ग्राम वसा से मिलने वाली कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट व प्रोटीन की कैलोरी के मुकाबले दोगुनी होती है।

* नियमित रूप से कोई न कोई व्यायाम जरूर करें। बैठक का काम करते हैं तो टहलने से परहेज न करें। प्राणायाम, योगासन या अन्य कसरत करने से मोटापे पर धीरे-धीरे काबू पाया जा सकता है।

NDND
* महिलाओं हेतु रस्सी कूदना, नृत्य करना, घर के सारे काम खुद करना अच्छे व्यायाम हो सकते हैं। 30 मिनट तक किया गया नृत्य 200 से 400 कैलोरी घटाता है, शर्त यह है कि नाचते हुए आपके पाँव थमना नहीं चाहिए यानी शरीर के रोएँ-रोएँ से पसीना निकाल दें। इसी प्रकार एक बार पूर्ण सेक्स करने पर एक पुरुष 3000 कैलोरी खर्च करता है।

* कई लोग डायटिंग शुरू कर भोजन कम कर देते हैं। इससे उनका वजन तो कम नहीं होता, उल्टे वे पोषणरहित भोजन के बिना बीमार हो जाते हैं। सप्ताह में एक या दो दिन उपवास करें, उस दिन फलाहार लें। भोजन की मात्रा कम जरूर करें, जब वजन घटने लगे, तब व्यायाम शुरू करें तो फायदा हो सकता है।

* योगासनों में पाद हस्तासन, पवन मुक्तासन, उत्तानपादासन, चक्रासन, भुजंगासन, मत्स्यासन आदि करने से भी मोटापे में कमी की जा सकती है। योगासनों की जानकारी हमारी साइट पर 'योग' नामक चैनल से प्राप्त की जा सकती है।