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Written By WD

प्रकाश जावड़ेकर

Prakash Javadekar | प्रकाश जावड़ेकर
FILE
भाजपा प्रवक्‍ता और संसद में राज्यसभा सदस्‍य प्रकाश जावड़ेकर का जन्‍म 30 जनवरी 1951 को महाराष्‍ट्र के पुणे शहर में एक शिक्षक परिवार में हुआ।

पिता केशव कृष्ण जावड़ेकर तथा माता रजनी जावड़ेकर शिक्षक थे। इसके अलावा पिता केशव कृष्ण न केवल हिन्दू महासभा के वरिष्ठ नेता थे, अपितु इसकी पुणे इकाई के अध्यक्ष भी थे।

वे वीर सावरकर के मित्र होने के साथ-साथ उनके अनुचर भी थे। उन्होंने लोकमान्य तिलक द्वारा स्थापित मराठी दैनिक 'केसरी' में बतौर संयुक्त संपादक कार्य किया। माता कोंकण क्षेत्र से थीं और अपने क्षेत्र की पहली शिक्षित महिला थीं। आजकल वे महिलाओं के लिए मुफ्त वैदिक शिक्षा की कक्षाएं लगाती हैं। एमए, बीएड तक शिक्षित बहन एक स्कूल में अध्यापिका हैं, जबकि भाई बी.कॉम करके सेंट्रल बैंक में सेवारत् हैं।

प्रकाश जावड़ेकर का विवाह 18 दिसंबर 1977 को डॉ. प्राची से हुआ। डॉ. प्राची, इंदिरा प्रबंधन संस्थान पुणे की पूर्व निदेशक हैं तथा अग्रणी शिक्षा सलाहकार के रूप में भी सेवाएं देती हैं। दो बेटे हैं। बड़ा बेटा डॉ. आशुतोष जावड़ेकर दंत चिकित्सक होने के साथ कलाकार भी है। दूसरा बेटा अपूर्व जावड़ेकर, सीए है और वर्तमान में बोस्टन विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी कर रहा है।

प्रकाश जावड़ेकर ने पुणे विश्‍वविद्यालय में बीकॉम कोर्स किया। इसी दौरान वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्‍य बन गए और कई आंदोलनों का नेतृत्‍व भी किया। 1975 में आपातकाल के दौरान सत्‍याग्रह आंदोलन का नेतृत्‍व भी किया व जेल गए।

कुछ वर्षों तक बैंक ऑफ महाराष्ट्र में काम किया। पश्चात 1971 में एबीवीपी के सदस्‍य रहते हुए वे बैंक ऑफ महाराष्‍ट्र के ग्रामीण विकास विभाग में, सिक यूनिट सेल तथा बैंक के रोजगार संवर्धन प्रोग्राम विभाग में लगभग 10 वर्षों तक कार्य किया। इसी बीच 1975 में पुणे विश्‍वविद्यालय के सीनेट सदस्‍य चुने गए। पहली बार राष्‍ट्रीय स्‍तर की राजनीति में 1984 में आए, जब 1981 में भारतीय जनता पार्टी के पूर्ण रूप से सदस्‍य बन गए।

1984 से 1990 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव और महासचिव रहे। 1989 से 1995 तक महाराष्ट्र भाजपा के राज्य सचिव व अभियान प्रमुख के तौर पर काम किया। 1994 से 96 और 2002 से 03 तक भाजपा के महाराष्ट्र राज्य के प्रवक्ता रहे। 2005 से भाजपा के अखिल भारतीय प्रवक्ता हैं। विश्व के कई देशों का भ्रमण किया है।

1995 में प्रकाश जावड़ेकर को महाराष्‍ट्र राज्‍य प्‍लानिंग बोर्ड के कार्यकारी अध्‍यक्ष के पद पर चुना गया। 2000 में वे महाराष्‍ट्र सरकार में आईटी विभाग के टास्‍क फोर्स के चेयरमैन बने। 31 मई 2012 को सीवीसी ने कोल घोटाले में उनका हाथ होने का आरोप लगाया तथा उनकी सीबीआई जांच भी हुई।

जावड़ेकर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, लोक लेखा समिति, मानव संसाधन और विकास संबंधी स्थाई समिति, विद्युत मंत्रालय की सलाहकार समिति, अधीनस्थ विधान संबंधी समिति और वक्फ समिति के भी सदस्य हैं। इसके अलावा वे कई संगठनों के अध्यक्ष पदों पर भी सुशोभित रहे हैं।

1986 में बेरोजगारी की समस्या को लेकर 'बेकाराइचा ज्वालामुखी', 1987 में 'नानेनिधिचे कर्ज़ (आईएमएफ लोन), 1988 में 'शेतकान्यांची कर्ज़मुक्ति (कृषि ऋण माफी) तथा 1999 और 2000 में 'महागाइचा भस्मासूर' (महंगाई की समस्या) आदि विषय पर मराठी में लिखा। इसके अलावा समकालीन विषयों पर विभिन्न समाचार पत्रों में करीब 300 लेख लिखे। बेरोजगारी, घुसपैठ, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के ऋण और अन्य राजनीतिक मुद्दों पर भी कई पुस्तिकाएं लिखीं।

'समन्वित दृष्टिकोण में ग्रामीण विकास एवं बैंकों की भूमिका' विषय पर प्रकाशित शोध पत्र के लिए 'सर पुरुषोत्तम दास ठाकुर स्मृति' राष्ट्रीय सम्मान मिला है। बोस्टन में मीडिया लैब एशिया परियोजना (2000) को लेकर गए प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व भी किया।