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Written By WD

मोह छोड़ें छरहरी काया की

मोह छोड़ें छरहरी काया की -
वेबदुनिया न्‍यूज
WD
आमतौर पर लोग छरहरी काया का संबंध सुंदरता और स्‍वास्‍थ्‍य से लगाते हैं। इस मामले में मॉडल और फिल्‍मी तारिकाएँ उनके मिथ को और भी बल देते हैं। लेकिन स्‍वास्‍थ्‍य के लिए जितना बुरा मोटा होना है, उतना ही नुकसानदेय है आपका दुबला होना।

मॉडलिंग की दुनिया में इस तरह की शरीर वाली लड़कियों को ‘0’ साइज वूमन कहते हैं। अमूमन जरूरत से ज्‍यादा दुबली लड़कियाँ कमजोर होती हैं। अधिकतर भारतीय महिलाओं में कैल्शियम और आयरन की कमी होती है। इसमें दुबला होना, कई बार उनके बीमार होने का लक्षण भी होता है।

गत वर्ष मैड्रिड फैशन वीक से तीन मॉडल्‍स का सिर्फ इस लिए रैम्प पर नहीं उतरने दिया गया, क्‍योंकि वो जरूरत से ज्‍यादा दुबली थीं। भारत में तेजी से पनपने पश्‍चिम नकल की अंधी दौड़ में सबसे आगे यहाँ की लड़कियाँ है। इसका असर उनके शरीर पर भी देखा जा रहा है। दुबली और छरहरी दिखने की होड़ में लड़कियों ने भोजन से या तो नाता तोड़ लिया है या फिर जो खाती हैं, उसमें प्रोटीन, कैलोरी की कमी के साथ अनहेल्‍दी प्रोडक्‍ट भी होते हैं।

उम्र, लंबाई और वजन का एक अनुपात होता है। उम्र बढ़ने के साथ लंबाई बढ़ती है और उसके अनुपात में वजन भी होना चाहिए। वजन के इस आँकडे़ का बॉडी मॉस इंडेक्‍स यानी बीएमआई
  रिसर्च में यह बात भी सामने आई कि कम बीएमआई के कारण हर उम्र की महिलाओं को दिक्‍कतों का सामना करना पड़ता है। जरूरत से ज्‍यादा दुबली महिलाओं के मेंस्‍ट्रूअल साइकल में अनियमितता होती है। वहीं दुबले पुरुष की स्‍पर्म क्‍वालिटी वीक पाई गई।      
(बीएमआई = वजन किग्रा में/लंबाई का वर्ग) से पता लगाते हैं। भारत व्‍यक्ति की बीएमआई 16 से कम और 23 से अधिक नहीं होनी चाहिए।

16 और उससे कम बीएमआई वालव्‍यक्ति को अपने भोजन की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए। ऐसे व्‍यक्ति भूखे लोगों की श्रेणी में आते हैं। 16.5 से 18.5 बीएमआई के बीच वाले लोग अंडरवेट होते हैं। 30 से 35 बीएमआई वाले मोटे और 35 से ऊपर की बीएमआई वाले अतिशय मोटे की श्रेणी में आते हैं। 18.5 से 25 बीएमआई के बीच के लोग सामान्‍य बीएमआई के होते हैं।

  दुबले होने से निजात पाने के लिए संतुलित आहार लें। व्‍यायाम करने से शरीर की चर्बी जलती है, लेकिन इससे हड्डियाँ भी मजबूत होती हैं।      
कम बीएमआई के नुकसान -
तरुण अवस्‍था में सामान्‍य से बहुत कम और बहुत ज्‍यादा बीएमआई होने वाले लड़के, लड़कियों की उम्र बढ़ने पर जनन-क्षमता कम हो जाती है। यूनिवर्सिटी ऑफ हेलसिंकी की ओर से किए गए एक रिसर्च में यह बात सामने आई कि शरीर का वजन प्रजनन और इससे संबंधित व्‍यवहार को प्रभावित करता है। इसके साथ ही गर्भावस्‍था के दौरान भी कई मुश्‍किलें आती हैं।

रिसर्च में यह बात भी सामने आई कि कम बीएमआई के कारण हर उम्र की महिलाओं को दिक्‍कतों का सामना करना पड़ता है। जरूरत से ज्‍यादा दुबली महिलाओं के मेंस्‍ट्रूअल साइकल में अनियमितता होती है। वहीं दुबले पुरुष की स्‍पर्म क्‍वालिटी वीक पाई गई। ज्‍यादा मोटे लोगों में भी इरेक्‍टाइल डिसफंक्‍शन के लक्षण देखे गए।

मोटा और दुबला होने का संबंध शारीरिक ऊर्जा से भी है। जो लोग ज्‍यादा खाते हैं, वो अक्‍सर मोटे भी होते हैं। उनके आमाशय में ज्‍यादा भोजन इकट्ठा हो जाता है, जिसे पचाने के लिए जरूरी क्रमाकुंचन गति करने में आमाशय को दिक्‍कत होने लगती है और अतिरिक्‍त ऊर्जा की जरूरत महसूस होती है। वहीं दुबले लोगों के शरीर में गया भोजन क्रमाकुंचन गति के लिए जरूरी ऊर्जा में ही खत्‍म हो जाता है और अतिरिक्‍त ऊर्जा के कमी के कारण कमजोरी महसूस होती है।

दुबले होने से निजात पाने के लिए संतुलित आहार लें। व्‍यायाम करने से शरीर की चर्बी जलती है, लेकिन इससे हड्डियाँ भी मजबूत होती हैं। थोड़ा व्‍यायाम करने से शरीर टोंड भी होता है और शरीर की अतिरिक्‍त चर्बी, जो कूल्‍हे, कंधे और पेट पर जमे होते हैं, वो पूरे शरीर पर सही अनुपात में फैलते जाते हैं। इससे शरीर की बनावट भी सुंदर लगती है।

डाइट पर दें ध्‍यान --
अगर आपका वजन कम है तो आपको अपनी डाइट पर ध्‍यान देना चाहिए। तरबूज खाने से वजन में तेजी से वृद्धि नहीं होती है। इसमें पानी की भरपूर मात्रा होने के कारण नुकसान होने की संभावना भी नहीं होती है। दिन भर में तीन बार तरबूज खाने से दुबला होने से बचा जा सकता है। शर्करा की पर्याप्‍त मात्रा होने के कारण यह कमजोरी भी दूर करता है।

मैंगो शेक से भी दुबलेपन से निजात पाई जा सकती है। दूध पीने से भी वजन बढ़ता है। दूध और इससे बने उत्‍पाद से ऊर्जा तो मिलती ही है, वजन में भी इजाफा होता है। दिन में दो बार दूध पीने से वजन में वृद्धि होती है। इन सभी के उपायों के साथ दो बार पौष्‍टिक भोजन और आहार लेना भी जरूरी होगा।