मंगलवार, 16 अप्रैल 2024
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Written By रवींद्र व्यास

साहित्य की सेवा में लगा एक ब्लॉग

इस बार रचनाकार ब्लॉग की चर्चा

Blog charcha | साहित्य की सेवा में लगा एक ब्लॉग
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नेट पर हिंदी साहित्य को पढ़ने का चलन बढ़ रहा है। यह हिंदी के लिए एक शुभ लक्षण है। एक ऐसे समय में जब यह कहा और फैलाया जा रहा है कि लोग साहित्य नहीं पढ़ते तब नेट पर यह काम बेहतर तरीके से किया जा सकता है कि अधिक से अधिक लोगों को साहित्य पढ़ने के लिए प्रेरित किया जा सके।

नेट पर साहित्य को पढ़ने के बढ़ते चलन का एक बड़ा कारण तो यह है इन दिनों साहित्य को लेकर बनाए गए कुछ ब्लॉग खासे पढ़े जा रहे हैं। जो दूसरे ब्लॉग हैं वे भी गाहे-बगाहे कभी कविता-नज्में-गीत या कहानियाँ पोस्ट करते हैं। जाहिर है साहित्य के प्रति नेट यूजर्स में लगाव बढ़ा है।

यदि सरसरी निगाह भी डाली जाए तो सबद, कबाड़खाना, अनुनाद, वैतागवाड़ी, उदयप्रकाश, अजदक, प्रत्यक्षा ब्लॉग ऐसे हैं जहाँ स्तरीय और पठनीय साहित्य पढ़ने को मिलता है। इसी तरह का एक ब्लॉग है रचनाकार । इसके ब्लॉगर हैं रवि रतलामी। वे एक लोकप्रिय ब्लॉगर हैं। साहित्य की सेवा के साथ ही वे कई बार ब्लॉगरों को इतनी बेहतरीन टिप्स भी देते हैं जिसके जरिये बेहतर तकनीक सीखी जा सकती है। ब्लॉग ज्यादा आसानी और खूबसूरत ढंग से चलाया जा सकता है।

लेकिन रचनाकार के जरिये वे जो महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं वह है साहित्य का दस्तावेजीकरण । और इस ब्लॉग की एक बड़ी खासियत यह भी है कि इसके लिए उन्हें साहित्य प्रेमियों का सहयोग भी मिल रहा है। क्योंकि साहित्य प्रेमी इस पर अपनी मनपसंद कोई भी कविता-कहानी-लघुकथा या किसी भी विधा में लिखी गई रचना को रचनाकार को दे सकता है।

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यही कारण है कि यहाँ नामचीन साहित्यकारों के साथ ही अज्ञात कुलशील नई प्रतिभाओं को पढ़ा और सराहा जा सकता है। मिसाल के तौर पर कहानी सेक्शन में कहानीकार विजय शर्मा से लेकर चर्चित कहानीकार हरि भटनागर की कहानियाँ पढ़ी जा सकती हैं लेकिन इसके साथ ही यहाँ नए कहानीकारों को भी पढ़ा जा सकता है।

कविता सेक्शन में एक तरफ आप बेढब बनारसी की कविताएँ पढ़ सकते हैं तो अपेक्षाकृत नई कवयित्री आकांक्षा यादव की कविता भी पढ़ी जा सकती है। इसी तरह उपन्यास सेक्शन में कुछ रोचक कृतियाँ पढ़ी जा सकती हैं। उदाहरण के लिए यहाँ आप ख्यात वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन की आत्मकथा पढ़ सकते हैं। ये आत्मकथा सिलसिलेवार कुछ पोस्टों में लगाई गई है। इसी तरह महान फिल्मकार और कामेडियन चार्ली चैपलिन की आत्मकथा भी पढ़ी जा सकती है। यही नहीं सूरज प्रकाश का उपन्यास भी पढ़ा जा सकता है।

सबसे ज्यादा पोस्ट आलेख सेक्शन के तहत है और इसमें कई तरह के लेखक शामिल किए गए हैं। ये तमाम लेखकों ने विभिन्न विषयों पर वैचारिक लेख लिखे हैं। साहित्य से लेकर पत्रकारिता पर लेख पढ़े जा सकते हैं।

इसके अलावा यहाँ बाल कथाएँ, लघुकथाएँ, गजलें और व्यंग्य भी पढ़े जा सकते हैं। और हिंदी किताबों की समीक्षाएं भी।

कुल मिलाकर यह ब्लॉग हिंदी की तमाम विधाओं की कुछ अच्छी रचनाएँ पढऩे का मौका उपलब्ध कराता है। यहाँ आप ललित निबंध भी पढ़ सकते हैं। कहने की जरूरत नहीं कि रवि रतलामी एक महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं। इसकी अपनी कुछ सीमाएँ भी हैं क्योंकि कई बार सामग्री के चयन में वह दृष्टि नहीं दिखाई देती जो अच्छे साहित्य को प्रस्तुत करने के पीछे काम करती है।

यही कारण है कि कई बार इसमें अपेक्षाकृत कमजोर चीजें भी प्रकाशित हो जाती हैं। लेकिन यह ब्लॉग इस अर्थ में उल्लेखनीय है कि यह नए से नए साहित्यकार या लेखक के लिए एक बेहतर प्लेटफार्म तो देता ही है।

ये रहा इस ब्लॉग का पता-

http://rachanakar.blogspot.com/