शिक्षक-दिवस पर भेजें संदेश
बलिहारी गुरु आपकी…
‘गुरु’ शब्द इतना पावन और सम्मानीय है कि शिष्यों का सर खुद-ब-खुद आदर में झुक जाता है। एकलव्य जैसे शिष्य ने जहाँ अपनी गुरु-भक्ति का परिचय अपना अँगूठा गुरु के चरणों में दान कर दिया। ऐसे पावन मौके पर कौन ऐसा शिष्य होगा, जो अपने गुरुओं के सम्मान में दो शब्द नहीं कहना चाहेगा। शिक्षक भी इस मौके पर अपने शिष्यों को आर्शीवाद देने से नहीं चूकेंगे। अपने अमूल्य अनुभवों से वे छात्रों का मार्गदर्शन करते रहते हैं, इसलिए छात्र भी वर्ष में एक दिन गुरुदक्षिणा देने के लिए व्याकुल रहते हैं। छात्र वेबदुनिया के माध्यम से अपनी भावनाएँ प्रकट कर सकते हैं और शिक्षक भी अपना आर्शीवाद अपने छात्रों तक पहुँचा सकते हैं। संदेश भेजने के नियम : *आप अधिकतम 100 शब्दों में अपने संदेश लिखकर हमें भेज सकते हैं।*अपना नाम व ई-मेल का पूरा पता अवश्य लिखेंगे। बिना ई-मेल की प्रविष्टियों पर विचार नहीं किया जाएगा।*आपके संदेश संतुलित एवं अर्थपूर्ण होने चाहिए। *आपके संदेश को संपादित व प्रकाशित करने का पूर्ण अधिकार वेबदुनिया के पास सुरक्षित है।