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Written By WD

क्या तकनीक बच्चों को होशियार बना रही है?

क्या तकनीक बच्चों को होशियार बना रही है? -
थोड़ी देर के लिए भी अगर बच्चों के हाथ में स्मार्ट फोन दे दिया जाए तो वे उसमें नई-नई चीजें खोजने लगते हैं। जितना अपने फोन की उपयोगिता हम नहीं जानते हैं उससे कई गुना ज्यादा हमारे बच्चे इसके बारे में खोज लेते हैं, मानो जैसे मां के गर्भ से ही सीखकर आए हो। कहीं बच्चे इस तकनीक के आदी न हो जाएं, इस डर से माता-पिता बच्चों को स्मार्ट फोन नहीं देना चाहते हैं।

लेकिन माता-पिता को यह बात भी समझनी होगी कि आधुनिक तकनीक एक वरदान है और बच्चे इसे बहुत चाव से इस्तेमाल करते हैं और इससे बहुत कुछ चुटकियों में ही सीख सकते हैं। यहां हम बता रहे हैं कि तकनीक से बच्चों पर क्या सकारात्मक प्रभाव होते हैं।

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इंटरनेट की मदद से बच्चे कोई वीडियो देखते हैं या कोई ऑडियो सुनते हैं या अलग-अलग गेम्स खेलते हैं तो हर बार वे कुछ न कुछ नया सीखते हैं। कहते हैं कि छोटी उम्र में बच्चे कच्ची मिट्टी के घड़े की तरह होते हैं, उन्हें आसानी से किसी भी आकार में ढाला जा सकता है।

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे नई चीजें सीखने की क्षमता कम होती जाती है। इसके अलावा हमें कुछ भी सीखने के लिए सारे संभव उपायों का उपयोग करना चाहिए। इससे हमें यह पता चल जाता है कि कौन-सा तरीका हमारे लिए सबसे बेहतर है और हमें इन सब में से किस तरीके से सीखना सबसे ज्यादा अच्छा लगता हैं।

इंटरनेट के अधिक उपयोग से हमारी सोचने-समझने की क्षमता भी बढ़ती है। इससे बच्चों के शब्द ज्ञान में भी बढ़ोतरी होती है। इंटरनेट के उपयोग से बच्चे बाहरी दुनिया को और भी बेहतर समझ सकते हैं, इसी के साथ ही लोगों को भी समझने लगते हैं।

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आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इंटरनेट और टीवी की मदद से आज के बच्चे प्रकृति के साथ जुड़ने लगे हैं। माता-पिता को भी कुछ कदम बढ़ाना चाहिए और अपने बच्चों को कुछ नया करने का मौका देना चाहिए।

उन्हें इंटरनेट की मदद से प्रकृति से जोड़ने की कोशिश की जानी चाहिए। किसी भी प्राकृतिक जगह के बारे में इंटरनेट पर पढ़कर या देखकर वहां बच्चों को ले जाया जा सकता है। इससे उन्हें नई बातें सीखने के लिए काफी मदद मिल सकती है।

कोई भी किताब हर 5 साल में एक बार अपडेट की जाती है, लेकिन इंटरनेट पर हर वक्त अपडेशन होता रहता है। जब कभी स्कूल का कोई भी असाइनमेंट दिया जाता है तो उसके लिए सबसे सही नई और सटीक जानकारी इंटरनेट पर ही मौजूद होती है।

ज्ञान हमारे लिए किसी भी विषय को काफी रोमांचक बना सकता है। 70 प्रतिशत बच्चे अपने गृहकार्य के लिए कम्प्यूटर का इस्तेमाल करते हैं इसके अलावा 38 फीसदी बच्चे टेबलेट का इस्तेमाल करते हैं।

ऑनलाइन कम्युनिटी की मदद से नए एवं जाने-माने लोगों से आसानी से बात की जा सकती है जिसके बारे में तो शायद पहले सोचा भी नहीं जा सकता था।