गुरुवार, 28 मार्च 2024
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Written By WD

आइए, किसी का जीवन सुधारें

आइए, किसी का जीवन सुधारें -
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जीवन के किसी-न-किसी मोड़ पर हम सभी अपने देश और समाज के साथ एक बंधन महसूस करते हैं। एक ऐसा दायित्‍वपूर्ण बंधन, जो समाज को वह सब लौटाना चाहता है, जो उसने उस समाज से पाया है। वह समाज जिसने हमारा निर्माण किया, हमें उन्‍नत किया और हमारी प्रगति का मार्ग प्रशस्‍त किया।

यह एक अमूर्त-सी भावना है, जो हर व्‍यक्ति के मन में होती है, लेकिन उसे सही अभिव्‍यक्ति नहीं मिल पाती

ऐसे ही एक व्‍यक्ति थे, जिन्‍होंने अपनी इन भावनाओं को गुमनामी के अँधेरे में नहीं खो जाने दिया। उन्‍होंने गहरे आत्‍मविश्‍वास और समर्पण के साथ उस भावना को अभिव्‍यक्ति दी और आज वे 'गिव इंडिया' जैसी संस्‍था के संस्‍थापक के रूप में जाने जाते हैं

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वेंकट कृष्‍णन अहमदाबाद के मैनेजमेंट इंस्‍टीट्यूट के विद्यार्थी थे। अपार धन और सफलता उनके रास्‍ते में सजे हुए थे, लेकिन उनकी आँखों में दूसरे ही सपने तैर रहे थे। उन्‍होंने निर्धन और अभावग्रस्‍त लोगों की सेवा का मार्ग चुना। यह मार्ग संपत्ति और सफलता के रास्‍ते की तुलना में कठिन था, लेकिन उन्‍हें यही रास्‍ता प्रिय था।

श्री वेंकट कहते हैं कि एक साधारण मैकेनिक के बुद्धिमान बेटे को उच्‍च अध्‍ययन की सुविधा क्‍यों नहीं मिलनी चाहिए, जबकि एक अमीर बाप का औसत बेटा वह सबकुछ हासिल कर सकता है। यह विचार 'गिव इंडिया' के पीछे मुख्‍य प्रेरणा बने, जिसने 1999 में एक ठोस रूप ग्रहण किया।

गिव इंडिया के माध्‍यम से लोग जरूरतमंद लोगों की सहायता कर सकते हैं। यह संस्‍था उन लोगों को एक जमीन मुहैया कराती है, जिसकी सहायता से लोग समाज के प्रति अपना दाय चुका सकते हैं, अपने दायित्‍व निभा सकते हैं।

गिव इंडिया किसी निजी लाभ के उद्देश्‍य से चलने वाली संस्‍था नहीं है। गिव इंडिया लोगों को एक ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म उपलब्‍ध करवाती है, जिसके माध्‍यम से कोई समाज-सेवा के लिए अपना धन प्रदान कर सकता है। गिव इंडिया अपनी विश्‍वसनीयता और पारदर्शिता के लिए जानी जाती है। वे अपने लिए नहीं, बल्कि अन्‍य गैर सरकारी संस्‍थाओं की मदद के लिए धन एकत्रित करते हैं। गिव इंडिया एक फीडबैक रिपोर्ट भी प्रदान करती है, जिसमें किसी व्‍यक्ति द्वारा संस्‍था को दिए गए धन का पूरा विवरण विस्‍तार से दिया गया होता है। इच्‍छुक व्‍यक्ति न्‍यूनतम 750 रु. प्रतिमाह के हिसाब से 6 महीने तक किसी बच्‍चे की पढ़ाई का खर्च उठा सकते हैं। गिव इंडिया के पास किसी व्‍यक्ति द्वारा खर्च किए गए धन का पूरा बारीक हिसाब रखा जाता है।

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जो भी अपने देश और समाज के विकास में भागीदार होना चाहते हैं, उनके लिए गिव इंडिया के साथ जुड़कर उनका सहयोग करने का बढि़या अवसर है। आपका धन सुरक्षित हाथों में है और देश के काम आ रहा है। गिव इंडिया को दिया गया हर पैसा वाजिब तरीके से और वाजिब उद्देश्यों के लिए इस्‍तेमाल होता है

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देश भर में 150 से अधिक जिम्‍मेदार गैर सरकारी संस्‍थाओं को धन प्रदान करके इस सेवा कार्य में सहयोगी हो सकते हैं। पिछले 7 वर्षों में लगभग 50,000 लोग 40 करोड़ से अधिक की धनराशि इस संस्‍था को प्रदान कर चुके हैं। यह धन विभिन्‍न गैर सरकारी संस्‍थाओं को दिया जाता है और गिव इंडिया इसमें एक माध्‍यम का काम करता है। गिव इंडिया जिन गैर सरकारी संस्‍थाओं की मदद करती है, उनकी जाँच और परीक्षण के नियम भी बहुत कड़े हैं। गिव इंडिया उन्‍हीं संस्‍थाओं की मदद करती है, जो भलीभाँति परखे गए हैं और इन सख्‍त नियमों पर बिल्‍कुल खरे उतरते हैं। इस समय यह संस्‍था प्रतिवर्ष सिर्फ मैराथन के जरिए लगभग 8 करोड़ रु. की धनराशि एकत्र कर रही है। गिव इंडिया के एक कार्यक्रम के तहत लोग प्रतिमाह अपनी तंख्‍वाह का एक हिस्‍सा संस्‍था को प्रदान कर सकते हैं। आज की तारीख में इस संस्‍था के पास ऐसे 16,000 दानकर्ता हैं, जो प्रतिमाह 37 लाख रु. का सहयोग प्रदान कर रहे हैं। आईसीआईसीआई बैंक, पीरामल समूह, एनडीटीवी, जेनपैक इत्‍यादि कंपनियों के कर्मचारी गिव इंडिया को इस तरह का सहयोग प्रदान कर रहे हैं

गिव इंडिया कोई मुनाफे पर टिकी संस्‍था नहीं है। उसका उद्देश्‍य उन निर्धन और जरूरतमंद लोगों की मदद करना है, जिनकी प्रतिभा इस देश के काम आ सकती है। आप परोपकार के इस कार्य में भागीदार हो सकते हैं। क्‍या पता, आपका धन किसी ऐसे बच्‍चे की पढ़ाई में काम आ जाए, जिस पर कल को इस देश को आपको नाज हो। समाज के प्रति अपने कर्तव्‍य पूरे करने का इससे बेहतरी तरीका और क्‍या हो सकता है भला।