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Written By ND

खुश है दादा क्रिकेट के बिना भी

खुश है दादा क्रिकेट के बिना भी -
- कोलकाता से दीपक रस्तोग
आईपीएल में खेलने की संभावनाएं खत्म होने के बाद इन दिनों खुद को संभालने में जुटे हैं क्रिकेटर सौरव गांगुली। उन्हें नहीं चुने जाने को लेकर कोलकाता में विरोध-प्रदर्शन और नामी-गिरामी हस्तियों की प्रतिक्रिया से थोड़ा मरहम उनके घाव पर जरूर लगा है लेकिन असली राहत उनके पिता चंडी गांगुली पहुंचा रहे हैं जो इन दिनों रोजाना सौरव के साथ कुछ समय गुजार रहे हैं।

सौरव के अनुसार, 'मैं खेलना चाहता था और मैं दुखी जरूर हुआ। मैं परेशान था...मैंने अपने पिता से बात की। वे क्रिकेट के बड़े फैन हैं। उन्होंने कहा, तुमने क्रिकेट में अच्छा समय गुजारा। चार सौ मैच खेले। छह साल तक भारतीय क्रिकेट टीम की सफलतापूर्वक कमान संभाली। अब क्या चाहिए ? अब अपनी अगली जिंदगी पर ध्यान दो।
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इधर सौरव गांगुली के बेहाला स्थित आवास के सामने प्रतिदिन भले ही 'नो दादा, नो केकेआर' का बोर्ड लेकर क्रिकेटप्रेमी प्रदर्शन कर रहे हैं पर 'महाराज' खुद को अपने आगे के 'अवतारों' के लिए तैयार कर रहे हैं। उनके सामने अच्छा-खासा काम पड़ा है। शायद इसी कारण उन्होंने केकेआर का 'मेंटौर' बनने की शाहरुख खान की पेशकश पर ध्यान ही नहीं दिया। कोलकाता में सौरव गांगुली की क्रिकेट अकादमी से निकले मनोज तिवारी, लक्ष्मीरतन शुक्ला, श्रीवत्स गोस्वामी और मोहम्मद शामी अहमद जैसे खिलाड़ी को केकेआर ने खरीदा है।

इस अकादमी के अलावा बांग्ला के एक टेलीविजन चैनल पर साप्ताहिक रीयलिटी शो 'दादागिरी' के वह एंकर भी हैं। वे खुद पर बनाई जा रही एक 'डाक्यूमेंट्री' की शूटिंग में भी व्यस्त रहते हैं और सेल्यूलायड पर भी उनकी भागीदारी बढ़ने वाली है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद से ही विवादों को भरसक दूर रखने का प्रयत्न कर रहे हैं सौरव गांगुली आईपीएल के ताजा एपीसोड को लेकर किसी तरह की बयानबाजी से बच रहे हैं।

केकेआर में उनकी अन्य किसी भूमिका की संभावना पर शाहरुख खान का बयान आने पर भी उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं दी और चुपके से 'मेंटौर' बनने का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया। फिलहाल, वह सॉल्ट लेक में अपनी प्रस्तावित स्कूल परियोजना को समय देने वाले हैं। कुछ दिनों पहले सौरव के प्रशंसकों ने ही उनकी इस परियोजना पर आपत्ति जताकर उसमें पलीता लगा दिया था पर कोलकाता हाईकोर्ट ने उनके नाम से जमीन के अलॉटमेंट को जायज ठहराया है। स्कूल से लेकर आईटी पार्क तक और रेस्तरां से लेकर मिनरल वाटर प्लांट बिठाने तक की परियोजनाएं उनके सपने में हैं।

इन दिनों दादा आराम से खाने-पीने, सेमिनार और पार्टियों में जाने का अपना शौक पूरा कर रहे हैं। कॉस्मोपॉलिटन सिटी कोलकाता में पहले रेस्तरां और फिर क्रिकेट अकादमी सफलतापूर्वक खोलने-चलाने वाले सौरव गांगुली के करोड़ों रुपए स्कूल के प्रोजेक्ट में फंसे हैं। सौरव का हर कदम पर साथ देने वाले मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, नगर पालिका मामलों के मंत्री अशोक भट्टाचार्य और माकपा के पूर्व नेता सोमनाथ चटर्जी ने आईपीएल नीलामी प्रकरण को लेकर सौरव के साथ राजनीति होने के बयान दिए हैं और उनके आगे के सपनों में उनका साथ दे रहे हैं।
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कोलकाता के सॉल्टलेक के सीए ब्लॉक में प्लॉट नंबर 222 की 63 कट्ठा जमीन पर सौरव गांगुली अपना वाइसन इंटरनेशन स्कूल बनवा रहे हैं। यहां प्राइमरी से हायर सेकेंडरी तक इंटीग्रेटेड स्कूल खुलना है। सौरव गांगुली के बड़े भाई स्नेहाशीष के अनुसार, 'सौरव जीवट वाला आदमी है। पिछली बार भी जब सौरव ने मजबूरन रिटायरमेंट की घोषणा की थी, तब भी वह रिलैक्स था। आगे भी वह चीयरफुल रहेगा। अपने शौक पूरे करेगा। अपने कामकाज पर ध्यान देगा।

कोलकाता के एक अंग्रेजी और एक बांग्ला दैनिक के लिए उन्होंने नियमित कॉलम लिखने का काम भी हाथ में लिया है। कई टीवी चैनल और अखबारों से एक्सपर्ट कमेंटेटर के लिए उनके पास नियमित गुजारिश आ रही है। कई चैनलों के रीयलिटी शो के लिए अनुबंध हो सकते हैं। सौरव गांगुली ने सुनील गावस्कर के प्रोफेशनल मैनेजमेंट ग्रुप की सेवाएं ली थीं, जो क्रिकेट के बाद के जीवन के लिए कॅरिअर सुझाए। स्कूल का प्रोजेक्ट और अन्य कामकाज उसी की कड़ी हैं।

सौरव की पत्नी अपने घर के पास बेहाला में ही एक डांस स्कूल चलाती हैं। सौरव डांस स्कूल के प्रोमोशन ट्रिप के लिए समय निकालने लगे हैं। पत्नी डोना गांगुली के अनुसार, सौरव अपने पसंद की चीजों के लिए अब पर्याप्त समय निकाल पा रहे हैं।