मंगलवार, 23 अप्रैल 2024
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Written By Author पं. सुरेन्द्र बिल्लौरे

गौरी खान : दीर्घ सूत्री महिला

गौरी खान : दीर्घ सूत्री महिला -
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फैशन डिजाइनर गौरी खान का जन्म पूर्वाषाढ़ा में होने की वजह से ही उनका आज सम्मान है और सुखी व विख्यात हैं। गौरी खान का जिस समय जन्म हुआ उस समय सूर्य जिस स्थान पर विराजमान था, ऐसा व्यक्ति दुबला-पतला और दीर्घ सूत्री होता है। साथ ही वह क्रोधी प्रवृत्ति का होता है। इसी कारण गौरी खान आज दीर्घ सूत्री अर्थात अपनी सोच से आगे तक प्रगति करने वाली महिला हैं।

चंद्रमा की स्थि‍ति जिस स्थान पर है, उसी के फलस्वरूप गौरी आज ‍धनधान्य से संपन्न हैं। धनु राशि का चंद्रमा कुंडली में विराजमान है। इसी के प्रभाव स्वरूप आज गौरी कलाकार (फैशन डिजाइनर) हैं क्योंकि ऐसा व्यक्ति कवि, कलाकार और धनवान होता है। गौरी आज धन से भी सुखी हैं। गौरी खान के जन्म के समय बुध जिस स्थान पर विराजमान है, उसी के प्रभाव से व्यक्ति दूसरों के कष्टों का निवारण करता है। यह गुण गौरी में है। जिस समय गौरी का जन्म हुआ उस समय गुरु तुला राशि में विराजमान थे और कुंडली में जिस स्थान पर विराजमान हैं उसी के कारण वे वैभव-संपन्न हैं।

  गौरी खान का जिस समय जन्म हुआ उस समय सूर्य जिस स्थान पर विराजमान था, ऐसा व्यक्ति दुबला-पतला और दीर्घ सूत्री होता है। साथ ही वह क्रोधी प्रवृत्ति का होता है। इसी कारण गौरी खान आज दीर्घ सूत्री अर्थात अपनी सोच से आगे तक प्रगति करने वाली महिला हैं।      
गौरी की कुंडली में ग्रहों की स्थिति उनके कवि एवं साहित्यकार या कलाकार की भूमिका निर्धारित करती है। इस कुंडली के अनुसार जातक कवि, लेखक, साहित्यकार अथवा कलाकार बनता है। विशेषकर अपना प्रभाव बनाता है। ऐसे क्षेत्र में जाता है जहाँ लोग मान-सम्मान देते हैं और प्रभावित होते हैं। इसी प्रकार गौरी की कुंडली में शुक्र जिस स्थान पर विराजमान है उसके फलस्वरूप जातक बुद्धिमान, धनवान और क्षमादान वाला होता है एवं आनन सुंदर होता है। शुक्र का तुला राशि में विराजमान होना भी सुख प्रदान करता है। ये सभी गुण गौरी में हैं। परंतु शनि के कारण रोगी हो सकती हैं।

वर्तमान में गौरी की राशि पर राहु की महादशा (18 वर्ष) चल रही है। यह 22 दिसंबर 2005 से प्रारंभ हुई थी जो 22 दिसंबर 2023 तक चलेगी। राहु की महादशा में राहु की अंतरदशा 4 सितंबर 3008 तक रही। गुरु की अंतरदशा 28 जनवरी 2011 तक रहेगी।

हल्दी की गाँठ को पीले कपड़े में बाँधकर गौरी को अपने पास रखना चाहिए। साढ़े पाँच कैरेट का पुखराज (पीला) पहनना चाहिए। इसके बाद शनि की अंतरदशा 4 दिसंबर 2013 तक, फिर बुध की 22 जून 2016 तक, केतु की 10 जून 2017 तक, शुक्र की 10 जून 2020 तक, सूर्य की 4 जून 2021 तक, चंद्र की 4 दिसंबर 2022 तक और मंगल की दशा 22 दिसंबर 2023 तक रहेगी।

गौरी के लिए बुधवार का दिन शुभ है। इस दिन नए कार्य करना चाहिए। शुक्रवार भाग्यशाली दिन है। अपने स्वयं के विशेष कार्य और विशेष निर्णय शुक्रवार को लेना चाहिए। मंगलवार को चिंतन, यात्रा और पत्राचार नहीं करना चाहिए। हरा, सफेद तथा पीला शुभ रंग है। गौरी ने लाल और नीले से परहेज करना चाहिए। 2, 3, 5, 6 अंक गौरी के लिए शुभ है।

30 अक्टूबर से दिसंबर मध्य तक कामकाज में प्रगति होगी। गणमान्य व्यक्ति एवं समाज आपके गुणों की प्रशंसा करेंगे। आय के नए स्रोत सामने आएँगे। सोचा कार्य समय पर हो जाने से मन प्रफुल्लित रहेगा। अपने बुद्धिबल से अच्छा लाभ प्राप्त करेंगे। दिसंबर मध्य से जनवरी अंत तक प्रति‍द्वंद्वियों के लिए सिरदर्द बनी रहोगी। विरोध व संघर्ष का सामना करना पड़ेगा। आपकी आशा निराशा में परिवर्तित हो सकती है। नया कार्य आरंभ करने से पहले ही व्यवधान उत्पन्न हो सकता है।

फरवरी प्रथम सप्ताह से मार्च अंतिम तक गौरी के लिए सफलता का समय रहेगा। लंबी यात्रा लाभप्रद रहेगी। शुभ अवसर आएँगे। लाभ उठाने में भूल न करें। शुभ कार्य में खर्च होगा। वर्ष की कुंडली के अनुसार सूर्य हानि पहुँचा सकता है, परंतु बुध द्रव्यलाभ प्रदान करेगा। गुरु सुखमय जीवन देगा। शुक्र धनलाभ देगा।

राहु 8 अक्टूबर 2008 से 8 अक्टूबर 2009 तक कष्ट दे सकता है। अत: नीला कपड़ा, उड़द, तिल, तेल, कील, चाकू और कंबल का दान शनिवार या रविवार शाम को शनि मंदिर में करना चाहिए। वर्तमान में हीरा, मोती और पन्ना पहनना शुभ होगा। इति शुभम।