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Written By WD

आर्ट्‍स में ग्रेजुएशन के बाद करियर

वेबदुनिया डेस्क

Career in Arts Subject | आर्ट्‍स में ग्रेजुएशन के बाद करियर
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12वीं पास करने के बाद कई युवा प्रोफेशनल कोर्सेस की प्रतियोगी परीक्षाएं देते हैं। कई युवा इनमें सफल हो जाते हैं। कई युवाओं को इन प्रतियोगी परीक्षाओं में असफलता का स्वाद चखना पड़ता है। प्रोफेशनल कोर्सेस की एंट्रेस एग्जाम में असफल होने वाले विद्यार्थी निराश न हों।

अगर उनका चयन इन प्रोफेशनल कोर्सों में नहीं हुआ है तो वे ग्रेजुएशन कर भी करियर के अन्य रास्तों पर जा सकते हैं। इंजीनियरिंग और मेडिकल एग्जाम्स में स्टूडेंट्‍स की होड़ ने ग्रेजुएट्स के लिए करियर के रास्ते खोल दिए हैं।

आर्ट्‍स में ग्रेजुएशन से करियर की दिशाएं-

आर्ट्‍स में ग्रेजुएशन कर शिक्षा के क्षेत्र में नाम कमाया जा सकता है। प्रशासनिक सेवाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए भी आर्ट्‍स सब्जेक्ट लिया जा सकता है। बैचलर ऑफ आर्ट्‍स के बाद अंग्रेजी साहित्य, दर्शन शास्त्र, भूगोल, अर्थशास्त्र, समाज शास्त्र, राजनीति विज्ञान, मनोविज्ञान आदि के साथ बेहतर करियर बनाया जा सकता है।

बहुत से सरकारी विभागों में इनसे जुड़े पदों पर अच्‍छी नौकरी मिलती है। किसी अच्छे कॉलेज से आर्ट्‍स की बैचलर डिग्री कर करियर के अवसर बढ़ने लगते हैं। बीए करने के बाद एमए साइकोलॉजी कर साइकोलॉजिस्ट बना जा सकता है। मेडिकल और हेल्थ केयर क्षेत्र में साइकोलॉजिस्ट की बहुत मांग है। आजकल बड़ी-बड़ी कंपनियों में भी कर्मचारियों के लिए साइकोलॉजिस्ट रखे जाते हैं।

फाइन आर्ट क्रिएटिव फिल्ड की चाहत रखने वाले युवा इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। अपनी कला को करियर का रूप दे सकते हैं। पेंटिंग या स्कल्पचर्स में रुचि रखने वाले युवा इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं।

बैचलर इन फाइन आर्ट्‍स चार साल का होता है और मास्टर इन फाइन आर्ट्‍स दो साल का होता है। आर्ट्‍स विषय से शिक्षा के क्षेत्र में भी करियर बनाया जा सकता है। प्रोफेसर के तौर पर करियर बनाया जा सकता है।

हमारे यहां भौतिक पुरातत्व की धरोहरों आदि को सुरक्षित रखने लिए अच्छे ऑर्कोलॉजिस्ट की देश में मांग है। ऑर्कोलॉजी के कोर्स भी कई अच्‍छी यूनिवर्सिटीज करवाती हैं। एम इन ऑर्कोलॉजी भी करियर का अच्छा विकल्प हो सकता है।

इकोनॉमिक्स (अर्थशास्त्र) में भी करियर बनाया जा सकता है। भारत में बढ़ते निवेश के कारण वित्तीय क्षेत्र भी बढ़ रहा है। इन क्षेत्रों में अर्थशास्‍त्रियों की अच्छी मांग है। इस क्षेत्र में भी करियर की असीम संभावनाएं हैं।

सिविल सर्विसेस, जर्नलिज्म आदि क्षेत्रों में भी आर्ट्‍स के विषय की पढ़ाई कर जाया जा सकता है। फॉरेन लैंग्वेज का अगर कोर्स कर लिया जाए हमारे तेजी से फलफूल रहे ट्रेवल एंड टूरिज्म विभाग में भी रोजगार की संभावनाएं होती हैं। अगर युवा हिन्दी-अंग्रेजी पर अच्‍छी पकड़ रखते हैं तो अनुवादक (ट्रांसलेटर्स) के रूप में करियर बनाया जा सकता है। आर्ट्‍स विषय के युवा में लाइब्रेरी या इंर्फोमेशन साइंस के कोर्सेस भी कर सकते हैं।