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Written By ND

अपनाएँ साइबर लॉ का सुनहरा संसार

अपनाएँ साइबर लॉ का सुनहरा संसार -
- अशोक जोशी

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इन दिनों एक नए किस्म के अपराध ने न्याय प्रक्रिया को उलझन में डाल रखा है। कम्प्यूटर हैकिंग से लेकर इंटरनेट पर बढ़ती धोखाधड़ी का जाल दिन पर दिन लोगों को अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा है। ऐसे में सामान्य कानून किसी तरह से मददगार सिद्ध नहीं हो पाता है।

जैसा देश वैसा भेस की तर्ज पर कम्प्यूटरों के माध्यम से किए जाने वाले अपराधों पर शिकंजा कसने के लिए कानून की एक नई इबारत लिखी गई है जिसे साइबर लॉ का नाम दिया गया है। जिस तरह से देश-विदेश में साइबर क्राइम बढ़ते जा रहे हैं, साइबर लॉ का महत्व भी बढ़ता जा रहा है। लिहाजा कानून और कम्प्यूटर में दिलचस्पी रखने वाले युवा साइबर लॉयर बनकर अपने करियर को एक नई दिशा प्रदान कर सकते हैं।

सदियों से जारी लूटपाट, चोरी और हत्याओं जैसे परिचित अपराधों की दुनिया में साइबर क्राइम ने एक नए अवतार के रूप में प्रवेश किया है और देखते ही देखते इंटरनेट साइट की हैकिंग, साइबर वायरस से सिस्टम में छेड़छाड़, क्रेडिट कार्डों से लेनदेन में हेराफेरी के प्रकरणों की बाढ़ सी आ गई है।
  इन दिनों एक नए किस्म के अपराध ने न्याय प्रक्रिया को उलझन में डाल रखा है। कम्प्यूटर हैकिंग से लेकर इंटरनेट पर बढ़ती धोखाधड़ी का जाल दिन पर दिन लोगों को अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा है। ऐसे में सामान्य कानून किसी तरह से मददगार सिद्ध नहीं हो पाता है।      


इन अपराधों की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि यह अपराध आपके सिस्टम पर आपके सहयोग से ही होते हैं और आप जान ही नहीं पाते हैं कि एक माउस क्लिक कर आप क्या खो चुके हैं। क्रेडिट कार्ड तो आपकी जेब में होता है, लेकिन उसका इस्तेमाल करने वाला कोई और होता है। ऐसे में किसी से शिकायत करने से भी बात नहीं बनती। मौजूदा कानून के प्रावधानों में ऐसे अपराधों का न तो कहीं वर्णन है और न ही इससे निपटने के तरीके कहीं खोजे मिलते हैं।

साइबर लॉ का प्रादुर्भाव और संभावनाए
लेकिन जब आईटी वर्ल्ड और साइबर स्पेस में अपराधों के प्रकरण बढ़ने लगे तो अंतरराष्ट्रीय सहयोग से साइबर लॉ बनाकर पुलिस और न्याय पालिकाओं का सिरदर्द कम करने की कोशिशें की गई हैं।

जब साइबर लॉ बने तो इन्हें जानने वालों तथा इनका उपयोग कर साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने वाले कानूनविदों की आवश्यकता महसूस हुई और साइबर अपराध के अवतरण के बाद ही सही साइबर लॉयर ने भी कानून जगत में अवतार लिया और साइबर क्राइम तथा साइबर लॉयर के टकराव ने करियर निर्माण के एक अनूठे और संभावनाओं से भरपूर अवसर को पैदा किया है।

- स्त्रोत : नईदुनिया अवसर
संसार साइबर लॉ का
इन दिनों इंटरनेट की आभासी दुनिया पर साइबर कानून चलता है। सारी दुनिया जहाँ-तहाँ इंटरनेट की पहुँच है, इस कानून के न्याय क्षेत्र में आती है। इंटरनेट अपराध के सारे मामले साइबर लॉ के माध्यम से ही निपटाए जा रहे हैं।

वास्तव में देखा जाए तो साइबर लॉ एक तरह का विनियमन है जो कॉपीराइट, बौद्धिक संपदा, अनुबंध आदि को अधिशासित करते हैं। इन विनियमों पर किसी एक देश का अधिकार नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी जगत में यह विस्तारित है। समय के साथ इंटरनेट उपयोग करने वालों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। साइबर लॉ की आवश्यकता तथा अनुप्रयोग में भी काफी तेजी आ गई है।

कौन होते हैं साइबर लॉयर?
मूलतः साइबर लॉयर वह शख्स होते हैं, जो हैकिंग, क्रेडिट कार्ड जालसाजी, ई-कॉमर्स तथा इंटरनेट पर ई-बिजनेस से रक्षोपाय के लिए डिजिटल सिग्नेचर के संरक्षण, इनक्रिप्शन कोड या इलेक्ट्रॉनिक कोड आदि से जुड़े अपराधों से निपटते हैं। बौद्धिक संपदा कानून अथवा कॉपीराइट्स, सॉफ्टवेयर पेटेण्ट्स, नेट बैंकिंग जैसे प्रकरण भी साइबर लॉ की मदद से निपटाए जाते हैं।

भारत में साइबर लॉ की स्थिति
सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत का योगदान किसी से छिपा नहीं है। जिस तरह सिलीकॉन वेली पर भारतीय टेक्नोक्रेट्स का वर्चस्व है उसी तरह साइबर लॉ को अपनाने में भी भारत अग्रणी है। भारत एशिया का दूसरा और दुनिया का 12 वाँ ऐसा देश है जिसका अपना अलग इंफरमेशन टेक्नोलॉजी एक्ट है।

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों तथा डिजिटल सिग्नेचर को विधिक मान्यता प्रदान की गई है। इस कानून में हैकिंग, क्रेडिट कार्ड फ्राड, साइबर स्टॉकिंग, ब्लेकमैलिंग, कम्प्यूटर सोर्स कोड के प्रसारण, नग्नता तथा बौद्धिक संपदा, कॉपीराइट तथा ट्रेडमार्क से जुड़े अपराध के खिलाफ सख्त प्रावधान बनाए गए हैं।

यह विधिक सुविज्ञता का नया क्षेत्र है और साइबर क्राइम अपराध के साथ ही साइबर लॉ पर अभी पर्याप्त साहित्य या पुस्तकें उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए इस क्षेत्र में प्रवेश कर अपनी राह बनाना थोड़ा चुनौती पूर्ण अवश्य है, लेकिन एक बार इस क्षेत्र में स्थापित हो जाने के बाद करियर को शानदार ऊँचाइयों तक पहुँचाने से कोई नहीं रोक सकता है।

स्त्रोत : नृईदुनिया अवसर
कैसे बनें साइबर लॉयर?
सायबर लॉयर बनकर आप साइबर लॉ के क्षेत्र में अपना करियर बनाकर साइबर क्राइम विशेषज्ञ के रूप में ख्याति प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको विधि विषय में स्नातक उपाधि प्राप्त करने के बाद साइबर लॉ में डिग्री या डिप्लोमा प्राप्त करना होगा। विधि के अलावा यदि अन्य क्षेत्र के छात्र चाहें तो वह भी साइबर लॉ का कोर्स अपना सकते हैं।

यह आईटी तथा ई-कॉमर्स के छात्रों के लिए अत्यधिक उपयोगी सिद्ध हो सकता है। यदि बैंकर और चार्टर्ड एकाउंटेंट या कंपनी सेक्रेटरी चाहें तो वह भी साइबर क्राइम में सुविज्ञता हासिल कर सकते हैं। अब हमारे यहाँ कई लॉ स्कूलों और विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर बाकायदा साइबर लॉ की पढ़ाई होने लगी है। नेशनल अकेडमी ऑव लीगल स्टडीज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ हैदराबाद तथा गव्हर्नमेंट लॉ कॉलेज मुंबई द्वारा साइबर लॉ में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा करवाया जाता है।

साइबर लॉयर के लिए कहाँ है अवसर?
साइबर लॉ में पढ़ाई करने के बाद आप स्वतंत्र रूप से बतौर कंसलटेंट अपना करियर आरंभ कर सकते हैं, अथवा साइबर क्राइम से जुड़े प्रकरणों में वकीलों की सहायता करने के लिए किसी लीगल कंसलटिंग तथा आरबिट्रेशन फर्म में असिस्टेंट या जूनियर प्रेक्टिशनर की भूमिका अदा कर सकते हैं। आजकल बड़ी-ब़ड़ी कंपनियों में साइबर क्राइम से जुड़े मामलों को देखने के लिए अपने लीगल डिपार्टमेंटों में एक्सपर्ट रखे जाते हैं, उनसे जुड़कर आप कार्पोरेट सेक्टर में भी भविष्य बना सकते हैं।

साइबर लॉयर तथा साइबर कंसलटेंट्स सरकारी विभागों में खासकर सूचना एवं प्रसारण, सूचना प्रौद्योगिकी तथा विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालयों में सलाहकार के रूप में करियर बना सकते हैं। उन्हें टेक्नोलॉजी फर्मों में बतौर सिक्योरिटी ऑडिटर तथा ऑडिटर तथा नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर का काम भी मिल जाता है। आप चाहें तो इस क्षेत्र में आगे रिसर्च को अपना सकते हैं या शिक्षण कर सकते हैं।

कितना कमा सकते हैं साइबर लॉयर?
साइबर अपराधों के साथ-साथ साइबर लॉयर की माँग भी खासी बढ़ रही है। चूँकि इस क्षेत्र में फिलहाल प्रशिक्षित और शिक्षित विशेषज्ञों का अभाव है, इसलिए साइबर एक्सपर्ट को इंटरनेट, नेट बैंकिंग और ई-बिजनेस से जुड़े कार्पोरेट सेक्टर में मुँहमाँगा वेतन मिल रहा है। कार्पोरेट तथा विधिक फर्मों में शुरुआती वेतन ही 25 से 40 हजार के बीच होता है। यदि आप इस क्षेत्र में अच्छा अनुभव इकट्टा कर लें तो देश ही नहीं विदेशों में भी डॉलर कूट सकते हैं।

इसलिए यदि आपकी आयटी में अच्छी पकड़ है और लीगल करियर बनाने में दिलचस्पी है तो साइबर लॉ आपके लिए एक संभावनाओं से भरपूर क्षेत्र है जिसमें आप लोगों को धोखाधड़ी से बचाकर अपना विश्वास कायम करते हुए मालामाल बन सकते हैं।

साइबर लॉ में प्रोफेशनल कोर्स प्रदान करने वाले महत्वपूर्ण संस्था
* नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया, यूनिवर्सिटी बंगलोर- 72 वेबसाइट www.nis.ac.in
* गव्हर्नमेंट लॉ कॉलेज, मुंबई
* नेशनल अकेडमी ऑव लीगल स्टडीज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी ऑलॉ हैदराबाद-27 वेबसाइट ww.nalsaroro.org
* द इंडियन इंस्टीट्यूट ऑइंफरमेशन एंड टेक्नोलॉजी, इलाहाबाद वेबसाइट www.iiita.ac.in
* सिम्बियोसिस सोसायटी लॉ कॉलेज, पुणे
* एशियन स्कूल ऑसाइबर लॉज, पुणे वेबसाइट www.asianlaws.org
* द इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट (डीम्ड यूनिवर्सिटी) नई दिल्ली
* साइबर लॉ कॉलेज (एनएएवीआई), चेन्नई, मैसूर, हुबली, मंगलोर तथा बंगलोर वेबसाइट www.cuberlawcollege.com

- स्त्रोत : नईदुनियअवसर