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Written By ND

ट्वेल्‍थ के बाद क्‍या???

ट्वेल्‍थ के बाद क्‍या??? -
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12वीं के बाद अधिकांश स्‍टूडेंट्स यह तय नहीं कर पाते कि वे क्या पढ़ें और क्या न पढ़ें! इस दुविधा से निकलने का कोई उपाय उन्हें नहीं सूझता। गायडेंस न मिलने के कारण ज्यादातर स्टूडेंट्स अपने दोस्तों की देखादेखी ही कोर्स चुन लेते हैं या फिर अपने अभिभावक की इच्छा से मेडिकल या इंजीनियरिंग की राह पर आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं।

दूसरों की देखा-देखी या फिर अभिभावकों के दबाव से किसी कोर्स का चुनाव हर स्टूडेंट के लिए सही नहीं माना जा सकता, क्योंकि ऐसी स्थिति में आगे चलकर छात्र के प्रदर्शन के साथ-साथ उसका करियर भी प्रभावित हो सकता है। चूँकि अब विकल्पों की कमी नहीं है, इसलिए अपनी पसंद के करियर का ध्यान रखकर उससे संबंधित कोर्स करना फ्यूचर के लिहाज से बेहतर होगा।

साइंस स्ट्रीम
साइंस स्ट्रीम से बारहवीं करने वाले स्टूडेंट्स यदि आगे ग्रेजुएशन करना चाहते हैं, तो वे किसी प्रतिष्ठित संस्थान से बीएससी (पास) या बीएससी (ऑनर्स) कर सकते हैं। इसके लिए प्रमुख विषय फिजिक्स, कैमिस्ट्री, मैथ्स, बायोलॉजी, जूलॉजी आदि हैं। वैसे, अब बायोटेक्नोलॉजी, जेनेटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे विषयों में भी स्नातक करने का विकल्प है और भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए स्टूडेंट इन्हें काफी पसंद कर रहे हैं।

यदि वे टेक्निकल या प्रोफेशनल कोर्स करना चाहते हैं, तो इंजीनियरिंग (बारहवीं पीसीएम के बाद) और मेडिकल (पीसीबी) स्ट्रीम चुन सकते हैं। लेकिन इंजीनियरिंग (चार वर्षीय बीटेक या बीई) या मेडिकल लाइन (एमबीबीएस आदि) के लिए अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।

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इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स अनेक कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स, जैसे-एआईईईई, आईआईटीजेईई, गेट आदि के टेस्ट देकर इंजीनियरिंग के विभिन्न क्षेत्रों, मसलन-मैकेनिकल, एयरोनॉटिकल, कैमिकल, आर्किटेक्टर, बायोमेडिकल, इलेक्ट्रिकल, कम्प्यूटर साइंस, आईटी आदि में प्रवेश ले सकते हैं।

वहीं दूसरी ओर, मेडिकल फील्ड की ओर रुख करने वाले स्टूडेंट्स के लिए एमबीबीएस कोर्स के अलावा करियर के तौर पर माइक्रोबायोलॉजी, फिजियोथेरेपी, वेटेरिनरी साइंस, होम्योपैथी, डेंटिस्ट्री आदि क्षेत्रों के विकल्प हैं। इसके लिए नेशनल और स्टेट लेवॅल पर प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। इन परीक्षाओं को क्वालिफाई करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है।

कॉमर्स स्ट्रीम
कॉमर्स स्ट्रीम में करियर बनाने वालों के लिए बीकॉम (पास) और बीकॉम (ऑनर्स) का विकल्प है। इसके जरिए आप बिजनेस अकाउंटिंग, फाइनेंशियल अकाउंटिंग, कॉस्ट अकाउंटिंग, ऑडिटिंग, बिजनेस लॉ, बिजनेस फाइनेंस, मार्केटिंग, बिजनेस कम्युनिकेशन आदि विषयों में स्नातक कर सकते हैं। कॉमर्स स्ट्रीम चुनने वालों के लिए भविष्य में एमबीए, सीएस, सीए, फाइनेंशियल एनालिस्ट जैसे तमाम करियर ऑप्शंस बांहें फैलाए रहते हैं।

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आर्ट्स स्ट्रीम
एक आम धारणा यह रही है कि आर्ट्स स्ट्रीम से प़ढ़ाई करने के बाद आगे कोई अच्छा करियर विकल्प नहीं मिलता। लेकिन अब यह धारणा काफी हद तक बदल गई है, क्योंकि इस स्ट्रीम में ऐसे कई विषय हैं, जिनकी पढ़ाई करके सरकारी और निजी क्षेत्रों में कैरियर की ऊंचाई छुई जा सकती है। इस स्ट्रीम में स्नातक के इच्छुक स्टूडेंट्स अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, इतिहास, राजनीति शास्त्र, दर्शनशास्त्र, समाजशास्त्र, अंग्रेजी, हिंदी आदि विषयों का चयन कर सकते हैं।

सदा बहार ऑप्शंस
बीए (पास) और बीए (ऑनर्स) कोर्स एक सदाबहार विकल्प है। हाँ, इस बात का खास खयाल रखिए कि अगर आपके मनमाफिक विषयों का कॉम्बिनेशन एक कॉलेज में उपलब्ध नहीं है, तो आप दूसरे कॉलेजों में भी जरूर ट्राई करें। आर्ट्‌स विषय प़ढ़ने वाले अधिकतर स्टूडेंट्स वैसे तो सिविल सर्विस की तैयारी में जुटे रहते हैं, लेकिन इसके अलावा प्रोफेशनल तौर पर एमबीए, जर्नलिज्म, मार्केट एनालिसिस, टीचिंग, एंथ्रोपोलॉजी, ह्यूमन रिसोर्स, एमएसडब्लू आदि क्षेत्रों में भी काफी करियर ऑप्शंस मौजूद हैं।

प्रोफेशनल कोर्सेज
ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में बारहवीं के बाद बीए, बीकॉम, बीएससी जैसे ट्रेडिशनल कोर्सों के अलावा भी आज ऐसे कई प्रोफेशनल कोर्स मौजूद हैं, जिन्हें करने के बाद खासकर कॉर्पोरेट वर्ल्ड में खास मुकाम हासिल किया जा सकता है। इनमें आईटी और मैनेजमेंट फील्ड से संबंधित कोर्स प्रमुख हैं। इन कोर्सों की खूबी यह है कि इन्हें करने के बाद अक्सर कैंपस रिक्रूटमेंट के जरिए ब़ड़ी-ब़ड़ी कंपनियों द्वारा आकर्षक पैकेजे पर जॉब प्लेसमेंट कर लिया जाता है।

शार्ट टर्म कोर्स
मौजूदा वक्त में एनिमेशन, ग्राफिक डिजाइनिंग, एस्ट्रोनॉमी, लिंग्विस्टिक, एविएशन आदि के शॉर्ट टर्म कोर्स करन आप अपना कैरियर सवांर सकते हैं। यह शॉर्ट टर्म कोर्स आप कोई और रेगुलर कोर्स या जॉब करते हुए भी कर सकते हैं।