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Written By ND

गुरुमंत्र : थोड़ा-सा रिस्क लेकर देखें

अनुराग तागड़े

Gurumantra | गुरुमंत्र : थोड़ा-सा रिस्क लेकर देखें
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मन की कल्पनाएं बड़ी विचित्र और कई बार बिलकुल सटीक रहती हैं। इन कल्पनाओं में स्वयं की प्रगति से लेकर तमाम तरह की सकारात्मक और नकारात्मक दोनों बातें रहती हैं। इन कल्पनाओं में जोखिम लेना भी शामिल रहता है। पर बात केवल कल्पनाओं में ही रह जाती है और हम यथार्थ में जोखिम की बात सोच भी नहीं पाते! क्योंकि, अगर जोखिम लिया तो हमें अपने सुरक्षात्मक कवच से बाहर निकलना पड़ेगा और प्रत्येक व्यक्ति अपने कवच के भीतर रहना चाहता है। ऐसा कम ही सोचता है कि उसे जोखिम उठाना पड़ेगा।

जोखिम अपने साथ कई बातें लाता है, जिसमें हिम्मत से लेकर मेहनत सभी कुछ शामिल है। व्यक्ति यही सोचता रहता है कि जो मिल रहा है, जैसा मिल रहा है, ठीक है। अभी गुजारा हो रहा है, यह स्थिति बुरी कहां है। जोखिम लेने की जरूरत ही कहां है, जबकि जोखिम लेने का समय बताकर नहीं आता, बल्कि यह निर्णय और हिम्मत आपको स्वयं को ही करना पड़ता है।

अगर आप सोचेंगे कि समुद्र की तूफानी लहरें शांत हो जाएं, तब आप कुछ बदलाव करेंगे, तब यह जोखिम की परिभाषा में बिलकुल भी नहीं आएगा। जोखिम तो तभी कहलाएगा, जब आप तूफानी लहरों पर सवार होकर कुछ बदलाव करने के रास्ते का चयन स्वयं करें। हमारे आसपास तमाम तरह के लोग हैं, जिनके स्वभाव और आदतें अलग-अलग हैं। कुछ जोखिम बिलकुल भी नहीं उठाते, जबकि कुछ जोखिम उठाते हैं और तेज गति से आगे बढ़ते हैं।

करियर की राह भी ऐसी ही होती है, अगर आपने सही समय पर जोखिम उठा लिया, तब करियर में चार चांद लग जाएंगे। कई बार आपके सामने जोखिम और आराम दोनों का विकल्प रहता है और व्यक्ति अपनी प्रकृति के अनुरूप दोनों में से एक का चयन करता है।

जोखिम उठाना सबके बस की बात नहीं है, पर जिसने जोखिम उठा लिया, उसे उसका फायदा भी मिलता है। करियर के विभिन्न विकल्पों में से सबसे सरल और आसान विकल्प कोई भी चुन सकता है। आप अगर वाकई कुछ अलग करना चाहते हैं, तब हिम्मत करके नए क्षेत्र को चुनें और अपने करियर को अलग रंग दें। अधिकांश युवा उन्हीं क्षेत्रों को चुनते हैं, जो लोकप्रिय हैं और जिनमें उनके साथी पहले सफलता प्राप्त कर चुके हैं।

कुछ ही युवा साथी होते हैं, जो नए परंतु चैलेंजिंग करियर को अपनाने का साहस दिखा पाते हैं। इसके अलावा नौकरी में भी कुछ नया करने से युवा साथी डरते हैं। उन्हें नए चैलेंज नए, टारगेट्स से डर लगता है और वे एक जैसी दिनचर्या के आदी हो जाते हैं। इससे उनका विकास भी रुकने लगता है, क्योंकि अगर आप नए चैलेंज स्वीकार नहीं करते, तो आपकी सोच वहीं की वहीं रहती है और नया करने का उत्साह भी दिनोंदिन समाप्त हो जाता है। दोस्तों, जिंदगी में थोड़ा-बहुत जोखिम उठाना भी सीखें, फिर देखें कुछ सकारात्मक असर जरूर पड़ेगा।