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Written By समय ताम्रकर

ऐश्वर्या के बेबी के टीवी कवरेज को लेकर गाइडलाइन

ऐश्वर्या के बेबी के टीवी कवरेज को लेकर गाइडलाइन -
बच्चन परिवार में नए मेहमान के आने की घड़ी नजदीक है। डॉक्टर्स ने 14 तारीख दी है और यह माना जा रहा है कि 10 से 15 नवंबर के बीच कभी भी बच्चन परिवार में किलकारी की गूंज सुनाई दे सकती है। टीवी चैनलों ने तो कई महीने पहले से इसको लेकर कयास लगाने शुरू कर दिए। कहानियां गढ़ ली। ज्योतिषियों ने भविष्याणी शुरू कर दी। इसको लेकर टीवी चैनलों की आलोचना भी की गई कि वह किसी इंसान की जिंदगी में दखल दे रहा है।

शायद इसको देखते हुए ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन ने 5 नवंबर 2011 को एक इंटरनल मेमो टीवी जर्नलिस्ट को जारी किया है। इसमें ऐश्वर्या राय बच्चन की प्रेग्नेंसी और बच्चे के जन्म की घटना को कवर करने को लेकर गाइडलाइन तय की गई है। इसके कुछ खास बिंदु इस प्रकार हैं :

• शिशु के जन्म के बारे में तब ही खबर प्रसारित की जाए जब अधिकृत घोषणा हो।
• इस समाचार को ब्रेकिंग न्यूज में ना दिखाया जाए।
* अमिताभ के घर (जलसा और प्रतीक्षा) और अस्पताल के सामने ओबी वैन ना खड़ी की जाए और न ही कोई कैमरा लगाया जाए। * शिशु का कोई भी फोटो या वीडियो क्लिप तभी दिखाई जाए जब परिवार की ओर से इसे दिया जाए।
• बच्चे के जन्म के बाद कोई भी ज्योतिषीय आंकलन ना किया जाए।
• अस्पताल में बिना इजाजत घुसने की कोशिश ना की जाए।
• बच्चे के जन्म की खबर सिर्फ 60 से 90 सेकंड्स में दिखाई जाए।

इस गाइडलाइन को बनाने के पीछे अमिताभ बच्चन का हाथ नहीं है और उन्होंने इसको लेकर ट्वीट भी किया है। ब्राडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन के 300 से ज्यादा चैनल सदस्य हैं। इलेक्ट्रॉनिक चैनल की घटती विश्वसनीयता की वजह से संभवत: यह कदम उठाया गया है।

कुछ चैनल ने दबे स्वरों में इसे सेंसरशिप बताया है। केवल बच्चन परिवार के लिए ही ऐसा क्यों? जैसे सवाल भी खड़े हो गए हैं। देखना ये है कि कितने चैनल वाले इस गाइडलाइन का पालन करते हैं।