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Written By ND

अमिता पाठक : मेरे पास प्रोड्यूसर पप्पा हैं...!

अमिता पाठक : मेरे पास प्रोड्यूसर पप्पा हैं...! -
फिल्म इंडस्ट्री में समय-समय पर कुछ ऐसे चेहरे भी आमद दर्शाते रहते हैं जिनके पास खासा बैक सपोर्ट होता है। यानी जिनके माता-पिता या अन्य रिश्तेदार या तो इंडस्ट्री से ही होते हैं या फिर काफी पैसे वाले और नामचीन होते हैं। लिहाजा ऐसे युवाओं के लिए इंडस्ट्री में इंट्री के लिए तयशुदा तमाम मापदंड भी बदल दिए जाते हैं।

अधिकांशतः पैसे वाले घरों के बच्चों के लिए एक-आध फिल्म तो यूँ ही उनका शौक पूरा करने के लिए बना दी जाती है। ऐसे युवा न तो पैसे को सीरियसली लेते हैं न ही फिल्मों में अपने करियर को। उनके लिए यह महज ग्लैमर जगत से जुड़ा एक "एक्स्ट्रा" अनुभव होता है। ठीक वैसा ही जैसा वे विदेश के किसी पाँच सितारा होटल में ठहरकर या डिजाइनर कपड़े खरीदकर पाते हैं।

इनसे इतर कुछ ऐसे युवा भी होते हैं जो बैक सपोर्ट होने के बावजूद सीरियसली इसी फील्ड में अपना करियर बनाना चाहते हैं। अब इनमें काबिलियत या कूवत कितनी होती है ये अलहदा विषय है...। तो ऐसे ही एक बैक सपोर्ट के साथ अमिता पाठक भी फिल्मों में आई हैं।

दिल तो बच्चा है जी, टूनपुर का सुपरहीरो, यू मी एंड हम, संडे, नो स्मोकिंग तथा प्यार का पंचनामा आदि जैसी फिल्मों के प्रोड्यूसर कुमार मंगत अमिता के पिता हैं। जैसा कि ज्यादातर फिल्मों के शीर्षक से ही स्पष्ट है कि कुमार मंगत पाठक साहब, अभिनेता अजय देवगन के करीबी लोगों में से हैं।

फिलहाल बिट्टू बॉस के जरिए एक बार फिर अमिता पाठक बड़े पर्दे पर कुछ कर गुजरने के सपने संजो रही हैं। इसके पहले वे "आक्रोश" तथा "हाले दिल" नामक फिल्में कर चुकी हैं, लिहाजा बिट्टू बॉस उनकी पहली फिल्म नहीं है।

उक्त दोनों फिल्में भी अमिता के पप्पा ने ही बनाई थीं। यही नहीं वे पप्पा की छाँव में दो फिल्में प्रोड्यूस करने का तमगा भी पा चुकी हैं और जब तक पप्पा की जेब तथा सोर्सेस में दम है वे उन्हें नायिका का तमगा दिलवाने में भी पीछे तो रहने वाले नहीं।

माधुरी दीक्षित की प्रशंसक अमिता को बचपन से ही ग्लैमर जगत का आकर्षण अपनी ओर खींचता था, लेकिन उनके पापा ने उनसे पहले ग्रेजुएशन पूरा करने को कहा। अमिता ने अच्छी बच्ची की तरह इकोनॉमिक्स में बैचलर डिग्री ली और उसके बाद उन्हें एक्टिंग के कोर्स के लिए किशोर नमित कपूर की क्लास में भर्ती होने की इजाजत पापा से मिल गई।

एक दिन "हाले दिल" की स्क्रिप्ट उनके पास पढ़ने के लिए आई। जिसे अजय देवगन के भाई "अनिल देवगन" बनाने जा रहे थे। पढ़कर उन्हें लगा कि इसकी हीरोइन तो बिलकुल मेरे जैसी है। बकौल अमिता-"मुझे लगा जैसे राइटर ने कहीं मुझ पर रिसर्च करके ही तो यह रोल नहीं लिखा।"

खैर... स्क्रिप्ट में अमिता ने कुछ संशोधन किए जिनसें निर्देशक अनिल भी सहमत हो गए। (आखिर कोई प्रोड्यूसर की बेटी को मना कैसे कर सकता है भला)। वैसे अनिल इससे पहले "राजू चाचा" और "ब्लैकमेल" जैसी असफल फिल्में दे चुके थे, लेकिन अमिता का मानना है कि -" भले ही अनिल की फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर कमाल न दिखाया हो, लेकिन उनका कहानी कहने का अंदाज कमाल का है।"

अमिता मानती हैं कि अनिल की फिल्म उन्होंने इसलिए भी फटाक से स्वीकार कर ली क्योंकि उनके साथ "देवगन सरनेम" जुड़ा हुआ है। देवगन परिवार उनके बेहद करीबी लोगों में से है और अजय देवगन उनके फेवरेट हीरो हैं। और इस तरह से अनिल की कहानी ने अमिता को मोह लिया और वे इस फिल्म की सोलो हीरोइन बन बैठीं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं था कि उन्हें शूटिंग के दौरान कोई स्पेशल ट्रीटमेंट मिला क्योंकि वे प्रोड्यूसर की बेटी थीं। उलटे अमिता के अनुसार उन्हें तो उनके पापा ने स्पष्ट कह दिया था कि यहाँ कोई नाज-नखरा नहीं चलेगा। "हाले दिल" में अमिता के साथ अध्ययन सुमन और नकुल मेहता थे।

अब बिट्टू बॉस में अमिता.. सास-बहू सीरियल में काम कर चुके "पुलकित सम्राट" के साथ दिखाई देंगी। इस फिल्म के पोस्टर्स बहुत कुछ "बैंड बाजा बारात" से प्रेरित हैं। कहानी की प्रेरणा क्या है इसका विचार फिलहाल रहने दें... हाँ, इस बार फिल्म से कोई "देवगन" नहीं बल्कि विज्ञापन की दुनिया से आए "सुपवित्र बाबुल" जुड़े हैं जो इस फिल्म के जरिए निर्देशन के क्षेत्र में पहला कदम रखने जा रहे हैं।

वैसे भी पप्पा कुमार मंगत का कहना है कि भले ही अजय देवगन उनके परिवार का हिस्सा हैं, लेकिन हर फिल्म में तो वे उन्हें हीरो नहीं बना सकते ना... (!) और फिर वे तो नए टैलेंट्स को मौका देने में विश्वास रखते हैं।

- रजनी कुमार